रामबिलास और साक्षी महाराज के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका

डेरा सच्चा सौदा गुरमीत राम रहीम प्रकरण में डेरा मुखी और डेरा प्रेमियों के समर्थन में बयान देने वाले हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और भाजपा सांसद साक्षी महाराज की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पंचकूला के एक वकील ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करके दोनों नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज करने और पंचकूला में डेरा प्रेमियों की हिंसा की सीबीआइ जांच की मांग की गई है। पंचकूला निवासी एडवोकेट नवीन चोपड़ा ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए कहा है कि अन्य व्यक्तियों की तरह वे भी इस घटना के पीड़ित हैं। उनका घर पंचकूला के सेक्टर-दो में है जहां 25 अगस्त को हिंसा की घटनाएं हुई हैं। याचिका में डेरा मामले में हरियाणा सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए पूरे मामले की सीबीआइ जांच की मांग की गई है।
याचिका में हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा को उस बयान के आधार पर प्रतिवादी बनाया गया है जिसमें उन्होंने कहा था कि धारा-144 डेरा प्रेमियों पर लागू नहीं होती है। याची के अनुसार रामबिलास के इस बयान ने डेरा प्रेमियों को पंचकूला में जुटने का मौका दिया। राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री के बयान के बाद पुलिस प्रशासन भी ढीला पड़ गया और डेरा प्रेमी पंचकूला में जुटते रहे।

इसके अलावा अदालत का फैसला आने से कुछ ही दिन पहले शिक्षा मंत्री के डेरा सच्चा सौदा में हुए कार्यक्रम में हिस्सा लेने और डेरे को 51 लाख रुपए का अनुदान दिए जाने को भी याचिका में कार्रवाई का मुख्य आधार बनाया है।याची ने भाजपा सांसद साक्षी महाराज को पार्टी बनाते हुए कहा कि जब हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्य जल रहे थे तब सांसद ने बलात्कार के दोषी के समर्थन में बयान दिया। यह कोर्ट के आदेशों की अवमानना है। याची ने अपना मुख्य आधार साक्षी महाराज के उस बयान को बनाया है, जिसमें उन्होंने राम रहीम के केस में फैसले व हिंसा के बारे में न्यायालय पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि यौन शोषण की एक आदमी ने शिकायत की है। करोड़ों लोग डेरा बाबा को सच्चा मान रहे हैं, भगवान मान रहे हैं। उन्होंने सवाल किए थे कि एक की बात सुनी जा रही है, करोड़ों की क्यों नहीं। हाई कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए सुनवाई शुरू कर दी है।

 

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