रामविलास पासवान की भविष्यवाणी: आपस में उलझकर रह जाएंगे थर्ड फ्रंट के नेता, 2019 में कोई वैकेंसी नहीं
केन्द्रीय उपभोक्ता मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ किसी गठबंधन की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में ऐसे गठबंधन के लिए कोई ”वेकेंसी’ नहीं है। पासवान से जब गैर भाजपाई दलों द्वारा आम चुनाव से पहले गठबंधन की कोशिशों के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। कोई वैकेंसी नहीं है।” उन्होंने कहा कि क्या कोई राहुल गांधी को स्वीकारने का इच्छुक है । ममता बनर्जी अपना खुद का मोर्चा बना रही हैं। के चंद्रशेखर राव और चंद्रबाबू नायडू अपना मोर्चा बना रहे हैं। कितने मोर्चे होंगे। चुनाव तक ये सभी मोर्चे निष्क्रिय हो जाएंगे और जनता मोदी को वोट देगी ।
दलितों के घर पर कुछ भाजपा नेताओं के रात्रिभोज के मामलों पर पासवान ने कहा कि अगर आप किसी के यहां रात्रिभोज के लिए जा रहे हैं, जहां आप आमंत्रित हैं तो समस्या कहां है। समस्या तब होती है जब राहुल गांधी किसी दलित के यहां खाना खाते हैं और इसे क्रान्तिकारी पहल बताया जाता है लेकिन अमित शाह यदि ऐसा करते हैं तो उन्हें रूढिवादी कहा जाता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पासवान ने हाल की दलित हिंसा पर कहा कि संविधान में हिंसा की कोई जगह नहीं है। मायावती के नेतृत्व वाली बसपा जैसे राजनीतिक दल ऐसे हालात का फायदा लेना शुरू कर देते हैं।
जब इन खबरों के बारे में पूछा गया कि योगी सरकार 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कोटा के अंदर कोटा लागू कर सकती है तो पासवान ने कहा कि सिद्धांतत: कोई इसका विरोध नहीं कर सकता। हमने अत्यंत पिछड़ा वर्ग आयोग बनाया है और यह तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। हम शुरूआत से ही कह रहे हैं कि अगर सरकार विशेष प्रावधान करती है और इसका लाभ दलितों में भी सबसे कमजोर वर्ग को मिलता है जो अत्यंत खराब हालात में जी रहा है और अनपढ़ है तो हमें अपने हिस्से में कटौती करनी होगी और हम इसके लिए तैयार हैं।
एएमयू में हाल में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर उपजे विवाद में पड़ने से पासवान ने इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि क्या यह देश कभी जिन्ना का समर्थन करेगा। यह देश गांधी, आंबेडकर, लोहिया और जेपी में भरोसा करेगा। केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पासवान राजधानी के एक दिवसीय दौरे पर आये थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश में भारतीय खाद्य निगम की उपलब्धियों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि रबी विपणन सत्र 2018—19 में गेंहू खरीद 50 लाख टन से अधिक रहने की उम्मीद है। इस साल अप्रैल में 19.03 लाख टन गेहूं खरीद हुई जो पूर्व वर्ष अप्रैल में 9.04 लाख टन थी।