रामविलास पासवान बोले- मुस्लिम विरोधी नजरिये से जूझ रही है बीजेपी, नरेंद्र मोदी के फिर से सत्ता में आने की भविष्यवाणी
NDA की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि बीजेपी आमलोगों के बीच मुस्लिम और निचली जाति का विरोधी होने के नजरिये से जूझ रही है। उनके अनुसार, राष्ट्रीय पार्टी को आगामी लोकसभा चुनावों में इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है। हालांकि, उन्होंने नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी भी की है। लोजपा प्रमुख ने बीजेपी को अगड़ी जाति का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी की छवि को बदलने की दिशा में काम करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस दिशा में काम करना होगा। रामविलास ने कहा, ‘सरकार जो कुछ भी कर रही है, वह सबके लिए है। यहां तक कि अल्पसंख्यक समुदायों के लिए भी बहुत कुछ किया गया है। हालांकि, इतना कुछ करने के बावजूद अल्पसंख्यक समुदाय और अनुसूचित जाति में भाजपा के प्रति नजरिये में कोई बदलाव नहीं आ रहा है।’ रामविलास पासवान का कहना है कि अगड़ी जाति की छवि में बदलाव न करने से विपक्षी दल इसका फायदा उठा सकते हैं। ऐसे में बीजेपी को आक्रामक तरीके से इसका जवाब देना होगा। बता दें कि रामविलास का दल बिहार में भाजपा की महत्वपूर्ण सहयोगी पार्टी है। लोजपा का अनुसूचित जाति वर्ग में पैठ माना जाता है। रामविलास पासवान ने स्पष्ट किया कि NDA से अलग होने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है।
भाजपा सरकार ने बूचड़खाने, टेनरीज और चमड़ा फैक्टरियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इसमें ज्यादातर मुस्लिम समुदाय और निचली जाति के लोग कार्यरत हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी सरकार के इस कदम से इस तबके में नाराजगी है। ऐसे में लोकसभा चुनावों में भाजपा को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। रामविलास पासवान के बयान पर भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल. नरसिम्हा राव ने कहा कि यह एक सहयोगी द्वारा बेहतर तरीके से किया गया निरीक्षण है। राव ने कहा, ‘विपक्षी पार्टियां गैरजरूरी मुद्दों पर हौवा खड़ा कर रही है। वे अभी तक विफल रहे हैं, लेकिन हमलोगों को इस बात को लेकर चौकन्ना रहना होगा।’ गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में जब देश की कमान संभाली थी तो भाजपा और सहयोगी पार्टियां सिर्फ सात राज्यों तक सिमटी हुई थीं। आज के दिन भाजपा देश के 29 में से 21 राज्यों में सीधे तौर पर सत्ता में है या फिर भागीदार के तौर पर।