राम भरोसे रेल मंत्री प्रभु, बोर्ड अध्यक्ष बाहर
बढ़ते रेल हादसों को लेकर केंद्र ने बुधवार को बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया। एअर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अश्विनी लोहानी को रेलवे बोर्ड का नया अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले सरकारी दबाव के बाद मौजूदा अध्यक्ष एके मित्तल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने रेलवे बोर्ड में इस फेरबदल की घोषणा की। इस बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर इस्तीफे की पेशकश की। उन्होंने हाल में हुई रेल दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी ली। प्रधानमंत्री ने उनके इस्तीफे को लेकर इंतजार करने को कहा है। मोदी से मुलाकात के बाद प्रभु दिल्ली से बाहर चले गए। प्रभु के इस्तीफे को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार में जवाबदेही अच्छी व्यवस्था है। रेल बाकी मंत्री ने जो भी अनुरोध किया है उस पर प्रधानमंत्री फैसला करेंगे। जेटली के इस बयान से यह माना जा रहा है कि प्रभु का इस्तीफा स्वीकार किया जाएगा। लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार तक वे अपने पद पर बने रहेंगे।
रेलवे बोर्ड में फेरबदल को लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने रेल मंत्रालय को जरूरी निर्देश जारी कर दिए। एके मित्तल ने सुरेश प्रभु को अपना इस्तीफा सौंपा। इसे स्वीकार कर लिया गया। भारतीय रेलवे स्टोर्स सेवा के 1976 बैच के अधिकारी मित्तल को 2016 में उनकी सेवानिवृत्ति से दो दिन रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर सेवा विस्तार मिल गया था। उन्हें दो साल का सेवा विस्तार दिया गया था। मित्तल को जुलाई 2018 तक इस पद पर रहना था। पिछले पांच दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश में हुए दो बड़े रेल हादसों के बाद से रेलवे की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम को एके मित्तल को तलब कर कड़ी फटकार लगाई थी।
मित्तल की जगह लाए गए अश्विनी लोहानी 1980 बैच के रेलवे मेकेनिकल सर्विसेज के अधिकारी हैं। वे दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, और हजरत निजामुद्दीन- इन तीन अहम रेल स्टेशनों में अहम सुधार किए थे। उनके पास इंजीनियरिंग की चार डिग्रियां हैं और इसके लिए उनका नाम लिम्का बुक अॉफ रिकार्ड में भी दर्ज है। कामनवेल्थ खेलों के दौरान उनकी अगुवाई में किए गए रेलवे के कामकाज की तारीफ सीएजी ने भी की थी। वे भारतीय पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष पद के साथ ही रेल संग्रहालय के निदेशक पद की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। लोहानी को 2015 में एअर इंडिया का सीएमडी बनाया गया था। इससे पहले वे मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक के तौर पर काम कर रहे थे।
उधर, रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात और इस्तीफे के पेशकश की जानकारी दी। उन्होंने हाल में हुई रेल दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी ली। सुरेश प्रभु ने कहा, दुर्भाग्यपूर्ण हादसों, यात्रियों के घायल होने और बेशकीमती जानों के जाने से बेहद दुखी हूं…मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला और पूर्ण नैतिक जिम्मेदारी ली। माननीय प्रधानमंत्री ने मुझसे अभी इंतजार करने को कहा। उन्होंने कहा कि बतौर रेल मंत्री करीब तीन साल के दौरान उन्होंने अपना ‘खून-पसीना’ रेलवे को दिया है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सभी क्षेत्रों में व्यवस्थित सुधारों के जरिए दो दशक से उपेक्षा झेल रहे रेलवे को उबारने की कोशिश की। इससे सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व निवेश हुआ और कई मील के पत्थर स्थापित हुए।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में उत्कल एक्सप्रेस रेल हादसे के पीछे मानवीय चूक सामने आने के बाद से ही लोगों में भारतीय रेल और रेलमंत्री सुरेश प्रभु को लेकर देश में नाराजगी बढ़ रही थी। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय भी सख्त कार्रवाई के पक्ष में बताया जा रहा था। ऐसे में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन मित्तल पर गाज गिरनी तय मानी जा रही थी। मित्तल पिछले कुछ दिनों से स्वाइन फ्लू से बीमार होने के कारण छुट्टी पर थे। वे बुधवार को रेल भवन पहुंचे और जरूरी फाइलें निपटाने के बाद रेलमंत्री सुरेश प्रभु को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इससे पहले मंगलवार को उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तलब किया था और बढ़ते रेल हादसों को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी।