राम मंदिर के लिए मस्जिद शिफ्ट करने का आइडिया देने वाले मौलाना नदवी को AIMPLB ने किया निष्कासित

अयोध्या के बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के रुख पर नरमी के संकेत देने वाले बोर्ड के सदस्य मौलाना सैय्यद सलमान हुसैनी नदवी को निष्कासित कर दिया गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के अनुसार बोर्ड के अन्य सदस्य कासिम इलियास ने कहा है कि एआईएमपीएलबी अपने पिछले रुख पर कायम है। उन्होंने आगे कहा कि मस्जिद भेंट, बेची या स्थानांतरित नहीं की जा सकती है। चूंकि सलमान सर्वमत स्टैंड के खिलाफ गए हैं इसलिए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।

बता दें कि पिछले दिनों श्री श्री रविशंकर से मुलाकात के बाद सलमान हुसैनी नदवी ने कहा था कि इस्लाम में दूसरी जगह पर मस्जिद बनाने का प्रावधान है। नदवी के इस बयान को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की दिशा में सकारात्मक संकेत के तौर पर देखा गया था। श्री श्री से मुलाकात के बाद नदवी ने कहा था, ‘हमलोगों ने खास तौर पर राम मंदिर और बाबरी मस्जिद से जुड़े मसलों पर चर्चा के लिए बैठक की, ताकि कोई समाधान निकाला जा सके। इससे पूरे देश में संदेश भी जाएगा। हमारी प्राथमिकता लोगों के दिलों में बसना है। कोर्ट का फैसला संवैधानिक कदम होगा, लेकिन कोर्ट लोगों का दिल नहीं जीत सकता है। फैसला किसी एक के पक्ष में तो दूसरे के खिलाफ आएगा। हम चाहते हैं कि दोनों पक्ष खुशी-खुशी कोर्ट से बाहर आएं।’

दरअसल श्री श्री रविशंकर और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पूर्व प्रतिनिधि के बीच ऐसे समय मुलाकात हुई, जब सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया है कि कोर्ट के लिए यह मसला सिर्फ भूमि पर अधिकार से जुड़ा है।

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