राम रहीम बलात्कारी करार: अटल बिहारी को लिखी इसी चिट्ठी से अंजाम तक पहुंचा केस
पंचकुला में सीबीआई की विशेष अदालत ने बाबा राम रहीम को बलात्कारी करार दे दिया है। अब 28 अगस्त को उन्हें सजा सुनाई दी जाएगी। बाबा राम रहीम को अदालत के कठघरे में खड़ी करने वाली साध्वी के साथ रेप से जुड़ा मामला 2002 का है। साल 2002 में ये पत्र एक गुमनाम साध्वी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भेजा था। ये साध्वी पहले बाबा राम रहीम की की शिष्या थी। आरोप लगाने वाली महिला पंजाब की रहने वाली है और ग्रेजुएट है। साध्वी ने कहा कि अपने माता-पिता के कहने पर वो बाबा राम रहीम की शिष्या बनी थी। हिन्दी में लिखे गये इस पत्र में इस गुमनाम साध्वी ने डेरा सच्चा सौदा में चल रहे राम रहीम के गुनाहों का कच्चा चिट्ठा खोला था। लड़की ने अपने पत्र में लिखा कि वो पंजाब की रहने वाली है और उसके परिवार वाले बाबा राम रहीम ने अंध भक्त हैं। लड़की ने लिखा कि वो पांच साल से सिरसा में बाबा के आश्रम में रह रही थी। लड़की के मुताबिक डेरा सच्चा सौदा में गुरमीत सिंह ने उनके साथ बलात्कार किया है। लड़की ने गुरमीत सिंह के कृत्यों का वर्णन करते हुए लिखा है कि एक रात दस बजे आश्रम के एक साधु गुरुजोत ने उन्हें रात 10 बजे बुलाया और कहा कि बाबा ने तुम्हें अपने ‘गुफा’ में बुलाया है। गुफा डेरे में बाबा के निवास को कहा जाता है।
साध्वी ने लिखा कि पहले वो राम रहीम की मंशा से परिचित नहीं थी और खुशी खुशी बाबा के निवास स्थल में चली गई। साध्वी ने आगे लिखा कि बाबा के कमरे में टीवी चल रही थी उसके ब्लू फिल्म देखी जा रही थी, बाबा वहां बैठे थे और उनके बेड पर रिवाल्वर रखा हुआ था। लड़की ने लिखा कि ये देखकर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। बाद में बाबा राम रहीम ने टीवी बंद की और लड़की से कहा कि बाबा ने मुझे बाहों में भर लिया और कहा कि तुम मुझे अपना तन-मन-धन समर्पण करो। लड़की ने कहा कि जब उसने बाबा का विरोध किया तो राम रहीम ने कहा कि वो इस रिवाल्वर से उसकी जान ले सकता है और उसके घर वाले उस पर शक भी नहीं करेंगे। लड़की ने कहा कि इसके बाद बाबा ने जबरन उनके साथ मुंह काला किया।
लड़की ने कहा कि बाबा के डेरे में 40 से 50 लड़कियां मौजूद हैं। लड़की ने इस पूरे मामले की जांच की मांग की। लड़की ने कहा कि वो पत्र में अपना नाम और पता नहीं लिखेगी। क्योंकि ऐसा करने पर उसकी और उसके परिवार वाले की जान जा सकती है। लड़की ने कहा कि अगर पुलिस को उसके आरोपों पर भरोसा नहीं है तो उनकी मेडिकल जांच करवाई जानी चाहिए। बता दें कि इसी पत्र को आधार बनाकर सीबीआई ने केस की जांच की और अंजाम तक पहुंची।