राष्ट्रपति बोले- आईआईटी में लड़कियों की संख्या कम, इसे बढ़ाने की जरूरत

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि लड़कियां बोर्ड परीक्षाओं , कालेजों और विश्वविद्यालयों में लड़कों को अक्सर पछाड़ देती हैं लेकिन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में उनकी संख्या ‘‘ दुखद रूप से कम ’’ है और इसे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने आईआईटी खड़गपुर के 64 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 2017 में आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा में बैठने वाले अर्भ्यिथयों की संख्या एक लाख 60 हजार थी जिसमें से लड़कियां केवल 30 हजार थी। उस वर्ष आईआईटी की स्रातक कक्षाओं में 10878 छात्र भर्ती हुये थे जिसमें केवल 995 लड़कियां थीं।

कोविंद ने कहा , ‘‘ यह विषय मुझे लगातार परेशान करता है … यह नहीं चल सकता , हमें इन संख्याओं के बारे में कुछ करना चाहिए। ’’ उन्होंने कहा , ‘‘ जब कोई बोर्ड परीक्षाओं के बारे में सोचता है तो लड़कियां अच्छा परिणाम लाती हैं। वे अक्सर लड़कों को पछाड़ देती हैं। मैं देशभर में जिन कालेजों और विश्वविद्यालयों में जाता हूं , मैं छात्रों के मुकाबले छात्राओं द्वारा ज्यादा पदक जीतने की प्रवृत्ति देखता हूं। (लेकिन आईआईटी में) छात्राओं की संख्या दुखद रूप से कम है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी खड़गपुर में प्रवेश पाने वाले 11653 छात्रों में से 1925 लड़कियां हैं। देश में उच्चतर शिक्षा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में महिलाओं की भागीदारी ‘‘ आगामी दशक में उचित एवं स्वीकार्य स्तर तक बढनी चाहिए और यह राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए और आईआईटी समिति को इस दिशा में आगे कदम बढाना चाहिए।

कोविंद ने कहा कि इस लक्ष्य को पूरा किये बिना और लड़कियों तथा युवतियों के लिए कामकाज के अवसर पैदा किये बिना समाज का विकास कभी पूरा नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के एन त्रिपाठी इस समारोह में सम्मानित अतिथि थे।

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