राहुल की मेहनत पर अय्यर और सिब्बल ने फेरा पानी

गुजरात विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस जीत के बिल्कुल करीब पहुंचकर भी हार गई। पार्टी अध्यक्ष अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इस गृह प्रदेश में चुनावी मोहरे तो करीने से सजाए लेकिन सियासी गलियारों में यह चर्चा चहुंओर है कि चुनाव प्रचार के बीच में मणिशंकर अय्यर और कपिल सिब्बल सरीखे वरिष्ठ नेताओं की बयानबाजी ने कांग्रेस की जीत पर ग्रहण लगा दिया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सोमवार को जब संवाददाताओं से बातचीत करने आए तो उन्होंने खास तौर पर मोदी के खिलाफ कांग्रेसी नेताओं द्वारा ओछी बातें कहे जाने का उल्लेख किया। उनका कहना था कि कांग्रेस के इन नेताओं ने चुनाव प्रचार का स्तर गिरा दिया। दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि मोदी मुद्दों को घुमाते रहे और राहुल गांधी द्वारा उठाए गए असली मुद्दों का जवाब देने से बचते रहे। उन्होंने उल्टे भाजपा पर आरोप लगाया कि वह गरीबों, बेराजगारों, व्यापारियों आदि के हक में उठाए गए मुद्दों को भटकाने में लगी रही।

सियासी जानकारों का कहना है कि ऐन चुनावों के बीच में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा पीएम मोदी को ‘नीच’ कहना और कपिल सिब्बल द्वारा राम मंदिर मामले की पैरवी में मामले को आगे टालने की अपील करना कांग्रेस के लिए भारी पड़ गया। मोदी ने अय्यर के इस बयान को गुजरात की अस्मिता से जोड़ दिया। कांग्रेस ने अय्यर को पार्टी से निलंबित कर और राहुल गांधी ने अय्यर से सार्वजनिक तौर पर मोदी से माफी मांगने की अपील कर डैमेज कंट्रोल की पूरी कोशिश की लेकिन गुजरात की जनता के बीच मोदी इस बात को ठीक उसी प्रकार अपने हक में भुनाने में कामयाब हो गए जिस प्रकार उन्होंने सोनिया गांधी के मौत के सौदागर वाले बयान को अपने हक में भुनाया था। गुजरात चुनावों में पीएम मोदी ने कांग्रेस का पाकिस्तान से कनेक्शन भी जोड़ दिया। बनासकांठा में प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि अहमद पटेल को गुजरात का सीएम बनाने के लिए मणिशंकर अय्यर के घर पाक के पूर्व विदश मंत्री के साथ कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई थी। इस बारे में कांग्रेस द्वारा दी गई सफाई भी काम नहीं आई।

गुजरात के चुनाव परिणाम को्र लेकर कांग्रेस महासचिव कमलनाथ ने कहा कि असल में गुजरात में पार्टी का संगठन बहुत कमजोर था। इसी वजह से कांग्रेस जीतते-जीतते भी हार गई। इसका एक मतलब यह भी निकाला जा रहा है कि असल में कांग्रेस ने बड़ी चतुराई से गुजरात में प्रमुख चेहरा बन चुके तीन नौजवानों हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी को आगे कर अपना चुनाव लड़ा। इनमें पटेल ने तो सौराष्ट्र इलाके में कांग्रेस को अच्छी बढ़त दिलाई लेकिन ठाकोर और मेवाणी केवल अपनी अपनी सीट ही जीत पाए। अपने प्रभाव वाले बाकी सीटें वे कांग्रेस को नहीं जीता पाए।

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