राहुल गांधी ने अरुण जेटली को कहा शुक्रिया, ‘राफेल रॉबरी’ का जिक्र कर दिया 24 घंटे का ये चैलेंज
राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर से इस मुद्दे पर हमलावर हो गए हैं। राहुल गांधी के निशाने पर एक बार फिर से वित्त मंत्री अरुण जेटली हैं। राहुल गांधी ने राफेल सौदे का सच सामने लाने के लिए इसकी जांच संसद की संयुक्त समिति से करवाने की चुनौती दी है। यही नहीं राहुल गांधी ने अपनी मांग पर जवाब देने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली को सिर्फ 24 घंटे का ही वक्त दिया है। बुधवार (29 अगस्त) को ही न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए बयान में वित्त मंत्री जेटली ने राहुल गांधी को प्राइमरी स्कूल का बच्चा बताया था। उन्होंने कांग्रेस पर देश की सुरक्षा व्यवस्था के साथ हमेशा ही समझौता करने का भी आरोप लगाया था।
वित्त मंत्री अरुण जेटली को संबोधित अपने ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा,” देश का ध्यान ‘राफेल रॉबरी’ की तरफ लाने के लिए जेटली का धन्यवाद। क्या राफेल डील की जांच संसद की संयुक्त समिति से कराई जाए ? इस पर आपको क्या कहना है? लेकिन इस जांच से आपके सुप्रीम लीडर को परेशानी है क्योंकि वह अपने दोस्तों का बचाव कर रहे हैं। यह जांच उनके लिए असुविधाजनक हो सकती है। आप हमें इसका जवाब 24 घंटे में दें, हम प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
वैसे बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सरकार पर आरोप लगाते रहे हैं कि राफेल विमान खरीद में भ्रष्टाचार हुआ है। राहुल गांधी के आरोपों पर जेटली ने अपने इंटरव्यू में सफाई दी थी। एएनआई को दिए अपने इंटरव्यू में जेटली ने राहुल गांधी के भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारिज किया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष राफेल की कीमतों पर जो कुछ कह रहे हैं वह तथ्यात्मक रूप से गलत है।
जेटली ने कहा कि राहुल गांधी अभी तक राफेल विमान की सात अलग-अलग कीमतें बता चुके हैं। उनके बयानों से ही समझा जा सकता है कि उन्हें इस मामले के बारे में कितनी जानकारी है? जेटली ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि ये सौदा दो देशों की सरकारों के बीच में हुआ है। इस सौदे में किसी भी निजी कंपनी की जगह नहीं थी।
वित्त मंत्री जेटली ने अपने इंटरव्यू में राहुल गांधी के फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉ के बयान के बारे में भी बात की थी। उन्होंने कहा कि राहुल ने फ्रांस के राष्ट्रपति के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। फ्रेंच सरकार ने राहुल गांधी के बयान को दरकिनार कर दिया था। भारत सरकार ने पूरी जिम्मेदारी के साथ देश की संसद को बताया है कि इसमें गोपनीयता का क्लॉज है। इस पर राहुल अपने बयान से पलट गए और उन्होंने कहना शुरू कर दिया कि होगा पर मैं नहीं मानता।”