राहुल गांधी ने शुरू किया बदलाव, कांग्रेस में युवा चेहरों को मिल रहा मौका
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दिशा निर्देशों के तहत पार्टी की संगठनात्मक संरचना में बदलाव शुरू किए जाने की खबरें हैं। जैसा कि पिछले महीने 18 मार्च को कांग्रेस के महाधिवेशन में राहुल गांधी ने इन बदलावों के संकेत पुख्ता तौर पर दिए थे जब पार्टी नेताओं को मंच के बजाय सामने कुर्सियों पर बैठाने की व्यवस्था की गई थी। राहुल गांधी ने कहा था कि वह मंच युवाओं के लिए खाली किया गया था। 47 वर्षीय राहुल गांधी ने कहा था कि पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच खड़ी दीवार को गिराना और पीछे बैठे लोगों को सामने की पक्ति में लाना उनकी प्राथमिकता में है। हिन्दुस्तान की खबर के मुताबिक कांग्रेस में अलग-अलग राज्यों के वरिष्ठ पदाधिकारियों के दफ्तरों में उनके सहायकों के रूप में 44 में से 30 नए सचिव चुना जाना सबसे पुरानी पार्टी की संगठनात्मक संरचना में बदलाव का संकेत देता है। कहा जा रहा है कि 70 के करीब युवा नेताओं के फेहरिस्त ऐसी ही सेवाओं के लिए और तैयार कर ली गई है।
पार्टी में बदलाव के लिए राहुल गांधी के द्वारा पहली पीढ़ी के चुने गए नेताओं में उत्तराखंड के प्रकाश जोशी, तमिलनाडु के मणिकम टैगोर, केरल के पीसी विशुानाध, बिहार के चंदन यादव, आंध्रम प्रदेश के शेख मस्तान वली, मध्य प्रदेश के जीतू पटवारी, और राजस्थान के जुबैर खान के नाम शामिल हैं। मध्य प्रदेश में अगले विधानसभा चुनावों को देखते हुए पटवारी को पिछले हफ्ते मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष तौर पर चुना गया।
प्रकाश जोशी ने कहा- ”राहुल जी ने यह बनाए रखा है कि अगर ज्यादा से ज्यादा युवा राजनीति में आएं तो राजनीतिक तंत्र को बदला जा सकता है। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया है कि कांग्रेस पार्टी के दरवाजे आम लोगों और पहली पीढ़ी के नेताओं के लिए खुले रहेंगे। उन्होंने अपना वादा निभाया।” जोशी फिलहाल उत्तर प्रदेश में पार्टी को व्यवस्थित कर रहे वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के सहायक के रूप में काम कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह अच्छी बात है कि कांग्रेस में युवाओं और नए लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है, लेकिन यह भी ख्याल रखना होगा कि वे स्वतंत्र रूप से काम भी कर सकें। विशेषज्ञों ने इसे पार्टी का सही दिशा में उठाया कदम बताया है।