A central pillar of the RSS/BJP’s fascist vision for India is that Dalits should remain at the bottom of Indian society. Una, Rohith Vemula and now Bhima-Koregaon are potent symbols of the resistance.
राहुल गांधी बोले- बीजेपी और आरएसएस की फासीवादी विचारधारा का प्रतीक है कोरेगांव हिंसा
200 साल पुराने एक युद्ध की वर्षगांठ पर दलितों और मराठाओं के बीच संग्राम छिड़ा है। पुणे समेत महाराष्ट्र के अन्य इलाकों में हिंसा की आग फैली हुई है। इस आग में सियासी गलियारों में रोटियां सिकनी शुरू हो गई हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि कोरेगांव हिंसा बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की फासीवादी विचारधारा का प्रतीक है। उन्होंने ट्वीट में लिखा- आरएसएस और बीजेपी की फासीवादी विचाराधारा यही चाहती है कि दलित भारतीय समजा की तलहटी में ही रहें। ऊना, रोहित बेमुला और अब भीम-कोरेगांव प्रतिरोध के प्रतीक हैं।
1 जनवरी 1818 के दिन ब्रिटिश इंडिया और पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेनाओं के बीच भीम कोरेगांव में युद्ध हुआ था, जिसमें पेशवा ब्रिटिश इंडिया की सेना से हार गए थे। ब्रिटिश इंडिया की फौज में बड़ी तादात में दलित भी शामिल थे। इस युद्ध के 200 साल पूरे होने पर सोमवार को कार्यक्रम रखा गया था। कार्यक्रम में भारी संख्या में लोग पहुंचे और दो गुटों मे बंटे लोगों में भयंकर झड़प हो गई। दोनों ओर से पत्थर चले।
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दरअसल भीम कोरेगांव युद्ध की याद में एक जयस्तंभ बनाया गया है, जिस पर सेना के शहीदों के नामों का पत्थर लगा है। हाल ही में एक किताब में दावा किया गया था कि पत्थर पर लिखे नामों में 1818 के युद्ध के शहीदों के नाम ही नहीं हैं। जिन्हें ब्राह्मणवादी ताकतों ने अपने प्रभाव से बदला है। किताब में यह भी अंदेशा जताया गया था कि आने वाले दिनों इस बात के लिए संघर्ष हो सकता है। इसी जयस्तंभ तक हर साल दलित मार्च करते हैं और जश्न मनाते हैं। हालांक पिछले वर्षों में यहां हिंसा की कोई घटना नहीं हुई, लेकिन इस बार 200वीं वर्षगांठ पर हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है।
संघर्ष में एक शख्स की मौत होने के बाद दलितों ने अगले दिन बंद का एलान किया। मंगलवार को हिंषा की आग कई इलाकों में फैल गई। मुलुंद, चेम्बुर, भांडुप, विख्रोली के रमाबाई आंबेडकर नगर और कुर्ला के नेहरू नगर में ट्रेनें को रोक दी गईं। हड़पसर और फुर्सुंगी में बसों के साथ तोड़फोड़ की गई। हमदनगर और औरंगाबाद जाने वाली बसों को रद्द कर दिया गया।