राहुल-लालू के दांव से बिहार में बीजेपी को लग सकता है झटका, एनडीए का साथ छोड़ सकता है यह सहयोगी दल
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए बिहार में महागठबंधन को और भी व्यापक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर हर कोई इस वक्त बीजेपी के नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) की तरफ देख रहा, हर किसी के मन में यह सवाल है कि एनडीए के घटक दल किस तरह सीट बंटवारे पर समझौता करते हैं। जहां एक तरफ एनडीए सीट बंटवारे का मुद्दा सुलझाने में जुटी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) बीजेपी को झटका देने की तैयारी कर रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक महागठबंधन में शामिल कांग्रेस, आरजेडी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) द्वारा राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), वामपंथी दल और शरद यादव को साथ में लेकर चलने की कोशिश तो की ही जा रही है, लेकिन एनडीए में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) को भी महागठबंधन में शामिल करके इसे और भी ज्यादा मजबूत और व्यापक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री और एनडीए में शामिल आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन का हिस्सा बनने वाले हैं। हालांकि उनकी तरफ से महागठबंदन में जाने की खबरों को खारिज किया जा चुका है, लेकिन महागठबंधन सूत्रों का दावा है कि आखिर में कुशवाहा उनके साथ ही होंगे। अगर ऐसा होता है तो बीजेपी को जबरदस्त झटका लग सकता है।
आपको बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम प्रमुख जीतन राम मांझी साल की शुरुआत में अररिया लोकसभा उपचुनाव के दौरान एनडीए से अलग हो गए थे और आरजेडी से हाथ मिला लिया था। मांझी और कुशवाहा दोनों को नीतीश कुमार की एनडीए में दोबारा एंट्री के बाद से अलग-थलग महसूस हो रहा था। वहीं अगर महागठबंधन के सीट बंटवारे को लेकर बात करें तो बिहार की 40 लोकसभा सीटों में करीब 20 सीटें आरजेडी के हिस्से जाएंगी। कांग्रेस 10, हम और आरएलएसपी को 4-4, एनसीपी और लेफ्ट को 1-1 सीट मिलेंगी। वहीं वरिष्ठ नेता शरद यादव के बेटे को माधेपुरा से आरजेडी का टिकट मिल सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस 12 सीटों पर उम्मीदवार उतारना चाहती है।