राहुल से मिले वीरभद्र, आलाकमान का फार्मूला मंजूर

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस अपने घर को चाक-चौबंद करने में कामयाब होती दिख रही है। सूबे के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पार्टी हाईकमान के फार्मूले को स्वीकार कर लिए जाने से चुनाव से ठीक पहले इस पहाड़ी राज्य में कांग्रेस के लिए एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरने की राह आसान हो गई है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मुलाकात के बाद ऐसे संकेत हैं कि हिमाचल में कांग्रेस का संकट फौरी तौर पर टल गया है। अब आगामी 7 अक्तूूबर को राहुल गांधी मंडी में एक बड़ी रैली कर पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान की विधिवत शुरुआत करेंगे। हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र शुक्रवार को दिल्ली आकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिले।

इस मुलाकात में उनके साथ पार्टी महासचिव व हिमाचल के प्रभारी सुशील कुमार शिंदे और प्रभारी सचिव व सांसद रंजीता रंजन भी मौजूद थीं। बैठक में मुख्य रूप से पार्टी टिकटों के बंटवारे को लेकर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने राहुल से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू को लेकर अपनी नाराजगी जताई। बताया गया है कि बैठक में वीरभद्र सिंह को राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया कि टिकटों के बंटवारे में उनकी ही चलेगी लेकिन सुक्खू को ठीक चुनाव से पहले पद से हटाने की जिद उन्हें छोड़ देनी चाहिए।

राहुल के घर से निकलने के बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र, शिंदे और रंजीता रंजन हिमाचल भवन पहुंचे और वहां पर काफी देर तक बातचीत की। इस बैठक के बाद शिंदे ने बताया कि आज की बैठक बहुत सकारात्मक रही। मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुक्खू के बीच अब कहीं कोई मतभेद नहीं हैं। टिकटों के बंटवारे और चुनाव में फिर से वीरभद्र को चेहरा बनाए जाने को लेकर पूछने पर शिंदे ने कहा कि आगामी 7 तारीख को राहुल गांधी मंडी में एक रैली करेंगे और वहीं मंच से चुनाव में कांग्रेस की तैयारियों का खाका भी पेश करेंगे। उन्होंने संकेत दिए कि मुख्यमंत्री की नाराजगी दूर हो गई है।
सनद रहे कि बीते लंबे समय से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू के बीच जबरदस्त तनातनी रही।

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