रिपब्लिक टीवी ने नहीं दिया स्टिंग का ओरिजिनल टेप, युवाओं पर चल रहा राष्ट्रद्रोह का मुकदमा होगा बंद
मीडीया से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार हैदराबाद पुलिस इस्लामिक स्टेट (आईएस) के प्रति निष्ठा जताने वाले युवकों के खिलाफ दर्ज राष्ट्रद्रोह के मामले को बंद करने की तैयारी में है। पुलिस का कहना है कि ‘रिपब्लिक टीवी’ द्वारा ओरिजिनल टेप नहीं देने के कारण यह फैसला लेना पड़ा है। इस मामले में जल्द ही क्लोजर रिपोर्ट फाइल की जाएगी। निजी टीवी चैनल ने पिछले साल स्टिंग ऑपरेशन किया था। रिपोर्ट में तीन युवाओं को आईएस के प्रति निष्ठा जताते हुए दिखाया गया था। इसके बाद हैदराबाद पुलिस ने मई, 2017 में अब्दुल्ला बासित, सलमान मोहीउद्दीन और अब्दुल हनान कुरैशी के खिलाफ राष्ट्रद्रोह और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया था। इन्हें हिरासत में भी लिया गया था, लेकिन बाद में छोड़ दिया गया था। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी। अब पुलिस का कहना है कि न्यूज चैनल के द्वारा मूल टेप उपलब्ध नहीं कराने के कारण इस मामले को बंद करने का फैसला किया है।
टेप में आरोपियों ने किए थे गंभीर दावे: अब्दुल्ला बासित को मालदा से वर्ष 2014 में और नागपुर एयरपोर्ट से वर्ष 2016 में गिरफ्तार किया गया था। फुटेज में उसने कहा था कि सीरिया जाने में विफल रहने पर वह भारत में ही कुछ करेगा। उसने दिलसुखनगर की तर्ज पर कुछ करने की बात कही थी। फरवरी, 2013 में हैदराबाद के दिलसुखनगर में हुए धमाके में 18 लोग मारे गए थे। उसने देश में शरिया कानून लागू कराने की भी बात कही थी। उसने कहा था कि इस प्रक्रिया में या तो वह हत्या करेगा या खुद मारा जाएगा। उसने लोकतंत्र को खारिज किया था।
अब्दुल कुरैशी भी इन्हीं लोगों में शामिल था। उसने कथित तौर पर आईएस में अपने सूत्रों के होने का दावा किया था। सलमान को भी आईएस में जाने के बारे में बात करते हुए देखा गया था। स्टिंग ऑपरेशन के बाद हैदराबाद पुलिस ने तीनों को पूछताछ के लिए बुलाया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सबूत नहीं मिलने पर उन्हें छोड़ दिया गया था। डीसीपी (डिटेक्टिव डिपार्टमेंट) अविनाश मोहंती ने बताया कि तीनों पूछताछ के लिए पुलिस अधिकारियों के समक्ष हर सप्ताह पेश हो रहे थे। उन्हें छुपते या साजिश करते हुए नहीं पाया गया। टीवी फुटेज के बारे में तीनों ने कहा था कि उनकी बातों को गलत तरीके से पेश किय गया था।