रिपोर्ट में खुलासाः ममता सरकार ने किया PM मोदी की सुरक्षा से खिलवाड़, रैली स्थल से गायब थे IG-DIG और डीएम
पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान टेंट गिरने की घटना की जांच में कई तथ्य सामने आए हैं। जांच कमिटीने इशारा किया है कि राज्य सरकार ने कई जगहों पर सुरक्षा नियमों को ताक पर रख दिया था, चाहें फिर वह राज्य की पुलिस और जिला प्रशासन के लिए तय किए गए मानक क्यों न हों? टाइम्स नाउ के द्वारा रिपोर्ट के अध्ययन के बाद कई तथ्य सामने आए हैं, जो बताते हैं कि कई बिंदुओं पर राज्य और जिला प्रशासन ने सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया था।
जांच कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के साथ हुए समझौते के लिए जिम्मेदार है। नोट के मुताबिक, ब्लूबुक के नियमों के मुताबिक कई बिंदुओं पर सुरक्षा के साथ समझौता किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है,” जिला प्रशासन और आयोजकों के बीच कोई आपसी तालमेल नहीं था।
रिपोर्ट में पाया गया है कि इस कार्यक्रम के लिए सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी दूसरे जिले के एसपी को दी गई थी। जबकि संबंधित जिले का एसपी कार्यक्रम में तब आए जब टेंट ढह गया और लोग घायल हो गए। कोई भी अन्य वरिष्ठ अधिकारी जैसे आईजी या फिर डीआईजी कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित नहीं था।” रिपोर्ट के मुताबिक,” कार्यक्रम पर जिले का जिलाधिकारी भी मौजूद नहीं था। ये स्थापित नियमों और पीएम के प्रोटोकॉल का घोर उल्लंघन है।”
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल बीजेपी के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस ने मीडिया को बताया,” जहां तक पश्चिम बंगाल सरकार के छोर की बात है, उन्होंने गंभीर सुरक्षा लापरवाहियां की हैं। मेरा मानना है कि किसी न किसी को इस लापरवाही की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हां, एसपीजी से भी सवाल पूछे जाने चाहिए। ”
वैसे बता दें कि बीते 16 जुलाई को पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में रैली का आयोजन किया था। इसी रैली के दौरान टेंट ढहने से कम से कम 20 लोग घायल हो गए थे। इस दौरान पीएम मोदी ने मंच से ही अपने निजी सुरक्षा दस्ते और डॉक्टर को घायलों की मदद के निर्देश दिए थे। बाद में वह खुद घायलों से मिलने के लिए अस्पताल भी पहुंचे थे।