रुपये की कीमत में ऐतिहासिक गिरावट क्यों ? मोदी सरकार ने इस फैक्टर पर फोड़ा ठीकरा

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के लगातार कमजोर होने के पीछे केंद्र सरकार ने ‘बाहरी कारकों’ को जिम्मेदार ठहराया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का कहना है कि अभी फिलहाल किसी भी तरह की चिंता करने का कोई कारण नहीं है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंदर गर्ग ने कहा है कि बाहरी कारकों के कारण रुपये की कीमत में गिरावट हुई है। उन्होंने कहा, ‘बाहरी कारकों के कारण रुपया कमजोर पड़ रहा है। इस स्टेज में चिंता करने जैसा कोई कारण नहीं है।’

एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि डॉलर के मुकाबले सभी करेंसी कमजोर पड़ चुकी हैं, लेकिन बाकी करेंसियों से तुलना में भारतीय रुपया ज्यादा कमजोर नहीं हुआ है। बता दें कि वैश्विक संरक्षणवादी नीतियों में वृद्धि के डर और मजबूत अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बीच मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 70 के स्तर से नीचे लुढ़क गया, जो इसका अब तक का सबसे कम स्तर है। दोपहर 11 बजे के आसपास डॉलर के मुकाबले रुपये ने 70.08 के निम्न स्तर तक गोता लगाया। हालांकि, इसके तुरंत बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रुपये की गिरावट को थामने के लिए हस्तक्षेप किया। इस हस्तक्षेप से रुपया 70 के निचले स्तर से थोड़ा ऊपर उठकर 69.98 तक पहुंच गया।

घरेलू मुद्रा (रुपये) ने तुर्की आर्थिक संकट के पीछे सोमवार को भारी मूल्यह्रास दर्ज किया जिसके बाद अधिकांश एशियाई मुद्राओं में मंदी देखी गई। चालू वित्त वर्ष 2018 में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगभग 10% गिर गया है। सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 1.57 फीसदी गिरकर 69.91 के स्तर पर पहुंच गया था। तुर्की की मुद्रा लीरा के डूबने के कारण पूरी दुनिया में इसका असर पड़ रहा है। तुर्की के आर्थिक संकट के कारण एक बार फिर वैश्विक मंदी आने का डर बन गया है। लीरा का संकट पिछले हफ्ते से लगातार बना हुआ है।

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