रुपये के मुकाबले पहली बार इतना महंगा हुआ डॉलर
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर होता जा रहा है। रुपए की कीमत आज तक के इतिहास में पहली बार इतनी कम हुई है। डॉलर के मुकाबले रुपया 70.07 के स्तर तक पहुंच गया है। सोमवार को जब शेयर बाजार बंद हुए तो एक डॉलर की कीमत 69.9287 रुपये थी। घरेलू मुद्रा (रुपए) ने तुर्की आर्थिक संकट के पीछे सोमवार को भारी मूल्यह्रास दर्ज किया जिसके बाद अधिकांश एशियाई मुद्राओं में मंदी देखी गई। चालू वित्त वर्ष 2018 में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगभग 10% गिर गया है।
शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया आज (14 अगस्त) 23 पैसे सुधरकर 69.68 पर खुला और इस तरह वह अपने सर्वकालिक निम्नस्तर 69.91 से ऊपर आया। कल डॉलर के मुकाबले रुपया 1.57% गिरकर 69.91 के स्तर पर पहुंच गया था जो उसका सर्वकालिक निम्न स्तर था। इसकी प्रमुख वजह तुर्की मुद्रा को लेकर बनी चिंताएं है जिससे वैश्विक आर्थिक संकट आने का डर है। आज सुबह में कुछ वृहद आर्थिक आंकड़ों में राहत के रुझान दिखने के बाद घरेलू मुद्रा में सुधार देखा गया।
इसके अलावा शेयर बाजारों की अच्छी शुरुआत से भी रुपया को समर्थन मिला। हालांकि अन्य विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती से रुपया में यह सुधार थम गया। मुद्रा कारोबारियों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति के नवीनतम आंकड़ों से घरेलू अर्थव्यवस्था में सुधार की संभावना जगी है जिससे रुपये में यह सुधार देखा गया। संभावना है कि अगली मौद्रिक समीक्षा में भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दरों को न बढ़ाएं। जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 4.17% रही है जो पिछले नौ महीने का निम्न स्तर है।
तुर्की की मुद्रा लीरा के डूबने का असर दुनियाभर में पड़ा है और घरेलू मुद्रा रुपये भी इससे अछूती नहीं है। शुरुआती कारोबार में मामूली बढ़त बनाने के बाद रुपया आज डॉलर के मुकाबले घटकर 70.09 पर पहुंच गया। यह इसका ऐतिहासिक रिकॉर्ड निम्नस्तर है। तुर्की के आर्थिक संकट से फिर एक बार वैश्विक मंदी आने का डर है जिसका असर दुनियाभर के बाजारों पर देखा जा सकता है। इसने विश्व स्तर पर निवेशकों के रुख को प्रभावित किया है और वह डॉलर को एक सुरक्षित निवेश के तौर पर देख रहे हैं। उल्लेखनीय है कि तुर्की लीरा का संकट पिछले हफ्ते से लगातार बना हुआ है।