रेलमंत्री बनते ही पीयूष गोयल के सामने बड़ी परेशानी, एक दिन में तीन-तीन ट्रेन हादसे
नए रेलमंत्री पीयूष गोयल की शुरुआत कुछ ठीक नहीं हुई है। उनके पद संभालने के एक दिन बाद ही तीन-तीन ट्रेनें पटरी से उतर गईं। खबर है कि महाराष्ट्र के खंडाला में एक मालगाड़ी के दो डिब्बे ट्रैक से उतर गए हैं। इससे पहले दोपहर 12 बजे के आस-पास झारखंड के रांची से नई दिल्ली आ रही राजधानी एक्सप्रेस के दो डिब्बे गुरुवार को मिंटो ब्रिज स्टेशन के पास पटरी से उतर गए। हालांकि, इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ। उत्तरी रेलवे के प्रवक्ता नीरज शर्मा ने आईएएनएस को बताया कि झारखंड के रांची से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन आते समय गुरुवार पूर्वाह्न 11.45 बजे रेलगाड़ी का इंजन और पावर डिब्बा बेपटरी हो गया। उससे भी पहले, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के पास गुरुवार को शक्तिपुंज एक्सप्रेस के सात डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे में किसी के घायल होने की खबर नहीं है। रेल अधिकारियों के मुताबिक, यह दुर्घटना सुबह करीब छह बजे ओबरा के निकट हुई। रेलगाड़ी पश्चिम बंगाल के हावड़ा से मध्य प्रदेश के जबलपुर जा रही थी। पूर्वी मध्य रेलवे के प्रवक्ता राजेश कुमार ने बताया कि प्रभावित डिब्बों में फंसे सभी यात्रियों को रेलगाड़ी के अन्य डिब्बों में स्थानांतरित करके मध्यप्रदेश के सिंगरौली पहुंचाया गया है। कुमार ने कहा, “रेलगाड़ी यात्रियों के साथ सुबह करीब 7.30 बजे दुर्घटना स्थल से रवाना कर दी गई।”
पीयूष गोयल ने रविवार को कैबिनेट फेरबदल के बाद सोमवार को रेलमंत्री का पदभार संभाला था। उन्होंने 2019 के चुनाव से पहले तक का अपना एजेंडा तय किया था जिसमें स्पीड पर फोकस था। गोयल ने ट्रेनों की स्पीड बढ़ा कर उन्हें सुपर फास्ट कैटेगरी में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। सभी ट्रेनों से इंडियन टॉयलेट हटने जा रहे हैं, जनवरी 2018 तक सभी बोगियों में आपको बॉयो-टॉयलेट दिखेंगे। सभी रूटों के इलेक्ट्रिफिकेशन पर जोर दिया जा रहा है।
रेलवे के सामने सबसे बड़ी चुनौती मैनपावर ढूंढ़ने की है। वैसे तो ट्रेनों में बॉयो टॉयलेट लगाने के लिए डेडलाइन 2019-20 है लेकिन पीयूष गोयल इसे जनवरी 2018 तक पूरा कर देना चाहते हैं। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाना एक ऐसा मुद्दा है जिस पर पीएम मोदी और पीएमओ भी जोर दे चुके हैं।