रेलवे अपने इन कर्मचारियों को देगी दोगुने से भी ज्यादा भत्ता
रेलवे ने 12 श्रेणियों के तहत अलग-अलग तरह के जोखिम भरे काम करने वाले कर्मचारियों को अब दोगुने से ज्यादा जोखिम भत्ता देने का फैसला किया है। रेल मंत्रालय ने इनके लिए जोखिम भत्ते की राशि को 60 रुपए से बढ़ाकर 135 रुपए प्रति माह करने का फैसला किया है।सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मद्देनजर इस फैसले को 1 जुलाई, 2017 के पहले से लागू किया गया है। जो रेल कर्मी बढ़े हुए जोखिम भत्ते के हकदार होंगे उनमें स्प्रे पेंटिंग, टंकिंयों पर जस्ते का पानी चढ़ाने, ट्रीटमेंट प्लांटों में काम करने तथा खतरनाक रसायनों के जरिए इंसुलेशन कंपोनेंट बनाने के काम से सीधे जुड़े कर्मचारी शामिल हैं।
इसके अलावा इलेक्ट्रोलाइट, मेटालिक डस्ट का सामना करने और रेजिन बेकर भट्टियों और कार्बन बर्स्ट शॉप के धुएं की चपेट में आने वाले कर्मचारियों को भी अब ज्यादा जोखिम भत्ता मिलेगा। इसी तरह मेल्टिंग शॉप में स्क्रैप का उपयोग करने वाली सभी फाउंडरियों के कर्मचारी तथा क्रोम प्लेटिंग के कार्य से सीधे जुड़े कर्मचारी भी बढ़ा हुआ भत्ता प्राप्त कर सकेंगे। यही नहीं, बंगलूर की रेल ह्वील फैक्ट्री की मोल्डिंग शॉप के कर्मचारियों को भी यह फायदा मिलेगा।
रेलवे में भूमिगत सीवर, पाइप तथा मैनहोल की सफाई से सीधे जुड़े कर्मचारियों तथा कीटनाशक का छिड़काव करने तथा एसिड एवं लार्वारोधी दवाओं की हैंडलिंग करने वाले मलेरिया खलासी तथा चेस्ट क्लीनिक और एक्स-रे लैब में काम करने वाले कर्मचारी भी दोगुने से ज्यादा जोखिम भत्ता प्राप्त करने के दावेदार होंगे।
आपको बता दें कि केंद्रीय केबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को 28 जून 2016 को ही मंजूरी दे दी थी। सातवें वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 14.27 फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी थी। केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए महीने करने को मंजूरी दे दी थी। वहीं फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 फीसदी बढ़ाने को मंजूरी दे दी थी। केंद्रीय कर्माचरियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी को 18,000 रुपए महीने बढ़ाने के बजाय 26,000 रुपए महीने किया जाए। इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुने से बढ़ाकर 3.68 गुना कर दिया जाए।