रेलवे कर्मचारियों पर मोदी सरकार की नकेल, जनवरी से बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम
केंद्र की मोदी सरकार ने रेलवे कर्मचारियों पर नकेल कसने के लिए बड़ा ऐलान किया है। जनवरी से सभी रेल कर्मचारियों का अटेंडेंस बायोमेट्रिक सिस्टम से लगेगा। आधार पर आधारित यह सिस्टम पूरे देश में लागू होगा। रेलवे ने इसकी तैयारियां कर ली हैं। काफी लंबे समय से इस बात की चर्चा थी कि रेलवे कर्मचारियों का अटेंडेस बायोमेट्रिक प्रणाली से होगा। बता दें कि इस सिस्टम के तहत सभी कर्मचारियों को एक आईडी कार्ड दिया जाएगा, जिसमें उसका पूरा विवरण दर्ज होगा। बायोमेट्रिक मशीन के सामने कार्ड दिखाने या स्वाइप करने से उसका अटेंडेंस बन जाएगा। कुछ मशीनों में कर्मचारियों को अंगूठा भी लगाना पड़ सकता है। इसी अटेंडेंस के आधार पर इनकी सैलरी बनेगी।
मौजूदा समय में रेलवे में यह व्यवस्था रेलवे बोर्ड, जोनल हेडक्वार्टर और कुछ चुनिंदा संस्थानों में ही उपलब्ध है। अब इसे रेलवे के सभी उपक्रमों, डिवीजनों में इसे 31 जनवरी, 2018 तक लागू किया जाएगा। पहले भी इस तरह के पैसले लिए गए थे लेकिन वो लागू नहीं हो सके। अब सरकार ने इसे हर हाल में 31 जनवरी, 2018 तक लागू करने का फैसला किया है। इस सिस्टम के लागू होने से कर्मचारियों और अधिकारियों के लेट-लतीफी पर रोक लगाई जा सकेगी। साथ ही उनकी गैर हाजिरी पर भी रोक लग सकेगी।
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक सबसे पहले यह सिस्टम सभी डिवीजनों, जोनल ऑफिसों, आरडीएसओ, कोलकाता मेट्रो, रेलवे वर्कशॉप, फैक्ट्री और उत्पादन यूनिट्स में इसी महीने यानी 30 नवंबर तक लागू किया जाएगा। बता दें कि रेलवे ने अभी हाल ही में ट्रेनों का नया टाइमटेबल भी जारी किया था। कई ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया है। ताकि उनकी आवाजाही के बीच रेल पटरियों का भी रख-रखाव किया जा सके। करीब दर्जन भर ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ाई गई है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे अपने विभिन्न विभागों व इकाइयों के एकीकरण तथा सुदृढ़ीकरण पर जोर दे रही है ताकि उनका बेहतर और अधिकतम इस्तेमाल हो सके। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कुछ दिनों पहले ही यह जानकारी दी थी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा था- बदलती जरूरतों व परिस्थितियों के मद्देनजर कुछ विभागों का विलय किया जा रहा है। यह विभागों के एकीकरण व सुदृढ़ीकरण की प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य सम्बद्ध विभागों व उसके कर्मचारियों का बेहतर और अधिकतम इस्तेमाल सुनिश्चित करना है।