रेलवे : सुरक्षा और आधुनिकीकरण पर जोर, 600 बड़े रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2018-19 के बजट में भारतीय रेल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय आवंटन की आज घोषणा की। रेलवे के लिए यह अब तक की सर्वाधिक राशि है और यह पिछले साल की तुलना में 13 फीसद अधिक है। बजट में किसी बड़ी नई ट्रेन की घोषणा नहीं की गई और यात्रियों की सुरक्षा के अलावा आधुनिकीकरण पर ज्यादा जोर है। वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष के तहत पर्याप्त कोष के आवंटन के साथ ‘सुरक्षा प्रथम’ की नीति की भी घोषणा की। जेटली ने बताया कि रेलवे के लिए 1,48,528 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ मुख्य ध्यान रेल नेटवर्क को मजबूत करना और रेलवे की क्षमता में विस्तार करना है। पिछले साल रेलवे के लिए 1.31 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। पिछले साल भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार ने रेल बजट को आम बजट के साथ पेश करने की शुरुआत की। इस नई प्रथा का यह दूसरा साल है।

छह सौ बड़े रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास

’भारतीय रेल स्टेशन विकास कंपनी लिमिटेड 600 बड़े रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करेगी।
’जिन स्टेशनों पर 25,000 से अधिक यात्रियों का आना जाना होता है वहां एस्केलेटर (स्वचालित सीढ़ियां) लगेंगे
’सभी रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में क्रमिक रूप से वाई फाई और सीसीटीवी मुहैया किए जाएंगे ताकि यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाई जा सके।

12000 डिब्बे बनाए जाएंगे

’अत्याधुनिक सुविधाओं और विशेषताओं के साथ नई ट्रेनें इंटरग्रेटेड कोच फैक्ट्री, पेरंबूर में डिजाइन की जा रही हैं।
’आने वाले वर्षों में 12,000 डिब्बे, 5160 यात्री डिब्बे और करीब 700 रेल इंजन तैयार किए जाएंगे।

3600 किमी पटरियों पर ध्यान

’पटरियों के बुनियादी ढांचे के रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया गया है। 3600 किलोमीटर पटरियों का नवीकरण का भी लक्ष्य रखा गया है।
’अगले दो साल में ब्रॉड गेज मार्गों पर 4,267 मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को समाप्त किया जाएगा।
’अन्य बड़े कदमों में ‘फॉग सेफ’ (कोहरे से सुरक्षा) और ट्रेन सुरक्षा एवं चेतावनी प्रणाली शामिल हैं।
’18,000 किलोमीटर पटरियों के दोहरीकरण के लक्ष्य का प्रस्ताव किया। रेलवे में आमान परिवर्तन का काम जारी है।

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