रेल यात्रियों को फायदा पहुंचाने के लिए वित्त मंत्रालय ने लिया एक बड़ा फैसला

रेल यात्रियों को फायदा पहुंचाने के लिए वित्त मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। इससे रेल यात्रियों के पैसे बचेंगे। दरअसल वित्त मंत्रालय ने रेल में बिकने वाले सामन पर लगने वाले टैक्स में कटौती कर दी है। वित्त मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि अब चलती ट्रेन, रेलवे स्टेशन या प्लेटफॉर्म पर खाने पीने की चीजों पर केवल 5 फीसदी है जीएसटी लगेगा। हालांकि अब रेलवे या उसके ठेकेदार इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं ले पाएंगे। वित्त मंत्रालय ने इस बारे में बीते 31 मार्च को ही रेलवे बोर्ड को पत्र भेजकर यह जानकारी दे दी है, ताकि किसी भी तरह के संदेह या अनिश्चितता को दूर किया जा सके।

इससे पहले रेलवे स्टेशनों और प्लेटफॉर्म पर बिकने वाले खाने-पीने के सामानों पर पांच फीसदी की दर से जीएसटी लगाया जाता था, जबकि चलती रेलगाड़ी में 18 फीसदी की दर से टैक्स वसूला जाता है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्रेन और स्टेशन पर खाने पीने के सामन में यात्रियों से अवैध वसूली रोकने के लिए बिल जरूरी कर दिया। इस आदेश के बाद जीएसटी में रेलवे का खेल सामने आ गया। स्टेशन पर खानपान में जहां पांच फीसदी जीएसटी वसूला जा रहा है, वहीं इसी खाने पर ट्रेन में 18 फीसदी टैक्स लिया जा रहा है।

शताब्दी-राजधानी में तो टिकट में ही यात्रियों से 18 फीसदी जीएसटी लिया जा रहा है, जबकि अन्य ट्रेनों में भी 18 फीसदी जीएसटी लिया जाता है। हालांकि, स्टेशन पर पहले जीएसटी 12 फीसदी था, जिसे घटाकर पांच फीसदी कर दिया गया था। जारी सर्कुलर के मुताबिक एक जुलाई से 18 फीसदी जीएसटी लेने का आदेश जारी किया गया था, यह भी स्पष्ट किया गया था कि शताब्दी-राजधानी व दुरंतो के टिकट किराये में ही जीएसटी जुड़ा होगा।

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