रॉबर्ट वाड्रा पर कसा इनकम टैक्स का शिकंजा, 42 करोड़ रुपए अज्ञात आय पर दोबारा नोटिस
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। आयकर विभाग ने वाड्रा के ऊपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वाड्रा को 42 करोड़ रुपए की अज्ञात आय के मामले पर नोटिस भेजा है। वाड्रा को इसका जवाब देने के लिए 30 दिन का वक्त दिया गया है। यह मामला स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी से जुड़ा हुआ है। इसमें वाड्रा का 99 फीसदी मालिकाना हक है।
इस मामले में आयकर विभाग ने पहले भी वाड्रा को नोटिस भेजा था, लेकिन वाड्रा ने इस नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। वाड्रा का कहना था कि उनकी कंपनी नोटिस में प्राइवेट लिमिटेड पार्टनर बताया गया है। हालांकि अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था। स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने पहले दिल्ली हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया था। याचिका खारिज होने के बाद आईटी विभाग ने अब एक बार फिर वाड्रा को नोटिस भेजा है।
25 पेज के आईटी विभाग के नोटिस में कहा गया है कि वाड्रा की कंपनी के साल 2010-11 की इनकम का फिर से मूल्यांकन किया गया, जिसमें पता चला कि उस साल कंपनी की असली आय 43 करोड़ थी, वहीं वाड्रा ने इसे 37 लाख बताया था। असली इनकम के आधार पर अब 2010-11 के लिए वाड्रा को 25.8 करोड़ रुपए का टैक्स चुकाना होगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और रियल-एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच की 58 करोड़ की लैंड डील को लेकर भी जांच की है और कमाई के स्त्रोत को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
रॉबर्ट वाड्रा पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से जमीन को लेकर की गई कार्रवाई के कारण विवादों में घिरे हैं। बता दें कि इस साल अप्रैल महीने में ईडी ने राजस्थान के बीकानेर स्थित रॉबर्ड वाड्रा की जमीन पर कब्जा कर लिया था। ईडी ने जमीन पर अपना बोर्ड लगा दिया था। जिस गांव में यह जमीन है वहां के सरपंच ने दावा किया था कि यह जमीन उनकी है, जिस पर वाड्रा के करीबी ने जबरन कब्जा कर लिया था।