रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में उतरे कश्मीरी छात्र, सोशल मीडिया पर जाहिर की नराजगी

जम्मू एवं कश्मीर के कुलगाम और पुलवामा जिलों में मंगलवार को म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर हमले के खिलाफ छात्र सड़कों पर उतर आए। इसके पहले सोमवार को त्राल शहर में इसी तरह का प्रदर्शन हुआ था। म्यांमार में मुसलमानों पर हुए हमलों के खिलाफ कश्मीरी लोगों ने सोशल मीडिया साइटों पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। अपने देश से भागने के बाद जम्मू शहर में 4000 से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं। अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी’ (अर्सा) के विद्रोहियों ने पिछले दो दिनों में उत्तरी म्यांमार के गांवों के सैकड़ों मकानों को आग के हवाले कर दिया।

एक सरकारी समिति ने मंगलवार को यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, विद्रोहियों ने औकप्युमा गांव में सुरक्षा बलों के साथ झड़प होने के बाद 50 घरों को आग के हवाले कर दिया और औंता गांव में भी 120 घर फूंक डाले। दिंगार, सॉकीनामा और होंटारया में विस्फोटक उपकरणों में विस्फोट करके 90 से ज्यादा घरों को आग के हवाले कर दिया गया। सुरक्षा बलों ने बताया कि थिनबॉग्वे गांव में आंतकवादियों ने 400 से घरों को आग के हवाले कर दिया। विद्रोहियों ने उत्तरी राखिने में 25 अगस्त को 30 पुलिस चौकियों पर हमले किए थे। 31 अगस्त तक 52 से ज्यादा हमले हुए, जिनमें 13 सुरक्षाकर्मी मारे गए। हमलों के दौरान भागने की कोशिश कर रहे सात हिंदू और पांच दैंगनैत जाति के लोगों सहित 14 नागरिक मारे गए।

राखिने राज्य के करीब 38,000 मुसलमान कथित तौर पर बांग्लादेश की सीमा की ओर पलायन कर गए हैं। सेना ने कहा कि सुरक्षाबलों ने 11,720 जनजातीय ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है और उन्हें मदद मुहैया कराई जा रही है। सेना ने बताया कि ग्रामीणों का निकालने का अभियान जारी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *