रोहिंग्या मुसलमानों को भारत से बाहर निकालने की कोशिशों पर बिफरी संयुक्त राष्ट्र की संस्था, भारत को याद दिलाए अंतर्राष्ट्रीय कानून

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख जैद राद अल हुसैन रोहिंग्या मुसलमानों को भारत से वापस भेजने की मोदी सरकार की कोशिशों की निंदा की है। अल हुसैन ने कहा कि ,’भारत के गृह राज्य मंत्री ने कथित रूप से बयान दिया है कि चूंकि भारत पर रिफ्यूजी कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करने वाला देश नहीं है इसलिए भारत इस मामले पर अंतर्राष्ट्रीय कानून से हटकर काम कर सकता है, लेकिन बुनियादी मानव करुणा के साथ।’ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख के मुताबिक भारत का ये कदम अतंर्राष्ट्रीय कानूनों और प्रावधानों के विधिसंगत नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘ हालांकि प्रचलित कानून के आधार पर भारत रोहिंग्या मुसलमानों का उन देशों या उन इलाकों में सामूहिक निष्कासन नहीं कर सकता है जहां उन पर अत्याचार होने की आशंका है या फिर उन्हें निशाना बनाया जा सकता है।’ सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस वक्त भारत में 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं इनमें से 16 हजार लोगों ने शरणार्थी दस्तावेज भी हासिल कर लिये हैं।

इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने ये भी कहा कि म्यांमार में अल्पसंख्यक रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ हिंसा और अन्याय ‘‘नस्ली सफाये’’ की मिसाल मालूम पड़ती है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सत्र को संबोधित करते हुए जैद राद अल हुसैन ने पहले 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका में हुए आतंकी हमले की बरसी का उल्लेख किया और फिर म्यामां में मानवाधिकार की स्थिति को लेकर चिंता प्रकट की। उन्होंने बुरूंडी, वेनेजुएला, यमन, लीबिया और अमेरिका में मानवाधिकार से जुड़ी चिंताओं के बारे में बात की। जैद ने कहा कि हिंसा की वजह से म्यांमार से 270,000 लोग भागकर पड़ोसी देश बांग्लादेश पहुंचे हैं और उन्होंने ‘सुरक्षा बलों और स्थानीय मिलीशिया द्वारा रोंहिंग्या लोगों के गांवों को जलाए जाने’ और न्याय से इतर हत्याएं किए जाने की खबरों और तस्वीरों का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि म्यामां ने मानवाधिकार जांचकर्ताओं को जाने की इजाजत नहीं दी है, मौजूदा स्थिति का पूरी तरह से आकलन नहीं किया जा सकता, लेकिन यह स्थति नस्ली सफाए का उदाहरण प्रतीत हो रही है।’’ उधर, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि म्यामां के रखाइन प्रांत में ताजा हिंसा की वजह से 25 अगस्त से अब तक 3,13,000 रोहिंग्या बांग्लादेश की सीमा में दाखिल हो चुके हैं। म्यांमार के मध्य हिस्से में एक मुस्लिम परिवार के मकान पर पथराव करने वाली भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने रबर की गोलियां चलाईं। भीड़ ने मागवे क्षेत्र में रविवार रात हमला किया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *