रोहिंग्या मुसलमानों पर पीएमओ में हाई लेवल मीटिंग, इंटेलिजेंस ने दिया खतरनाक इनपुट
पश्चिमी म्यांमार में हिंसा से बच निकलने वाले रोहिंग्या मुसलमानों को भारत से वापस भेजने की योजना की अतंरराष्ट्रीय स्तर पर खूब आलोचना हुई थी, जिसके बाद सरकार के शीर्ष आला अधिकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में बुधवार रात अपनी रणनीति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिन नृपेंद्र मिश्रा ने यह मीटिंग बुलाई थी और इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के अलावा देश की इंटेलिजेंस एजेंलियों के प्रमुख के अलावा रॉ चीफ भी मौजूद थे। उन्होंने म्यांमार के रोहिंग्या आतंकी कमांडरों और पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैबा के बीच बढ़ते संबंधों पर बातचीत की। उनके द्वारा समीक्षा की गई एक इंटेल रिपोर्ट में कहा गया कि हमारे मुताबिक रोहिंग्या मुस्लिम समुदायों के बीच पाकिस्तान के आतंकी संगठनों का बढ़ता प्रभाव एक गंभीर उभरता हुआ खतरा है और इसका इस्तेमाल भारत को निशाना बनाने के लिए किया जाएगा।
सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार संगठन के अध्यक्ष ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ भारत के रुख को शर्मनाक बताया था, इसके बाद यह बैठक बुलाई गई थी। भारत का कहना है कि हाल के वर्षों में म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हिंसा बढ़ने के बाद इस समुदाय के करीब 40 हजार लोग वहां से पलायन कर उत्तर-पूर्व सीमाओं से भारत में प्रवेश कर चुके हैं। उनमें से ज्यादातर जम्मू, हैदराबाद और दिल्ली के आसपास बस गए हैं। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि पिछले कुछ हफ्तों में इनके आने में कोई बड़ी तेजी नहीं आई है।
बुधवार रात जिस इंटेलिजेंस नोट की समीक्षा हुई उसके मुताबिक म्यांमार के रोहिंग्या विद्रोहियों का मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद और लश्कर-ए-तैबा के बीच संबंध बन गए हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि लश्कर रोहिंग्या आतंकवादियों को पैसा और हथियार मुहैया कराता है। इंटेलिजेंस नोट में कुछ तस्वीरें भी थीं, जिसमें हाफिज सईद जुलाई 2012 को कराची में रोहिंग्या आतंकी संगठन को संबोधित करता नजर आ रहा है। हूजी का चीफ, जो पाकिस्तान और बांग्लादेश का बड़ा आतंकी नेटवर्क है, वह रोहिंग्या मूल का पाकिस्तानी नागरिक है। बांग्लादेश में साल 2012 में रोहिंग्या आतंकियों द्वारा आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तानी आतंकी संगठन के शीर्ष कमांडर भी हिस्सा लेने पहुंचे थे।
भारत के लिए मुश्किलें और भी हैं। पिछले महीने पाकिस्तानी अलकायदा का अॉपरेटिव मौलाना उस्ताद वजीर रोहिंग्या आतंकियों को ट्रेनिंग देने के लिए थाइलैंड गया था। खुफिया अधिकारी यह पता लगाने में जुटे हैं कि पिछले महीने श्रीनगर से 25 किमी दूर पुलवाला में पुलिस परिसर में हुए आतंकी हमले में आतंकियों को गाइड करने वाला कोई रोहिंग्या तो नहीं था। इस हमले में 8 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।