रोहित सरदाना की पोस्ट- एक देश में लड़की के ‘जवान’ होने की दो उम्र कैसे

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा है कि 18 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ यौन संबंध बनाने को दुष्कर्म माना जाएगा। अदालत ने साथ ही कहा कि अगर पत्नी एक साल के भीतर इसकी शिकायत दर्ज कराती है तो पति को सजा हो सकती है। इस फैसले के साथ न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता के धारा 375 को रद्द कर दिया, जिसके तहत 15 से 18 साल की उम्र की पत्नी के साथ यौन संबंध बनाने को दुष्कर्म नहीं माना जाता था। इसके साथ ही अब 18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बनाना दुष्कर्म माना जाएगा, चाहे लड़की की शादी हुई हो या नहीं हुई हो।

कोर्टे के इस आदेश  पर पत्रकार रोहित सरदाना ने एक पोस्ट लिखी है। जिसमें उन्होंने देश में अलग अलग धर्म के लड़कियों के लिए शादी के अलग अलग कानून का मसला उठाया है। रोहित ने एक ट्विट में कुछ तस्वीर पोस्ट की है जिसमें उन्होंने इस मसले पर लिखा है देश के कानून के मुताबिक लड़की की शादी की उम्र 18 और लड़के की शादी की उम्र 21 साल है। इससे कम उम्र का दूल्हा या दुल्हन हो तो शादी नजायज मानी जाएगी। हिन्दू मैरिज एक्ट को भी संशोधित करके ये कानून बना दिया गया है। जिसमें पहले लड़की की शादी की उम्र 15 वर्ष थी। लेकिन शरियत में 18 साल की कम उम्र की लड़की की शादी भी जायज है। इसके बाद रोहित ने अपने पोस्ट में हाईकोर्ट की एक फैसले की जिक्र किय है। कुला मिलाकर उनकी पोस्ट मतलब ये है कि हिन्दू मैरिज एक्ट के हिसाब से लड़की 18 साल से कम की शादी नहीं कर सकती और शरियत इसकी इजाजत देता है की जब लड़की यौवन को प्राप्त कर ले उसकी शादी हो सकती है। तो ये तय कौन करेगा और एक देश में लड़की के शादी करने की उम्र के दो मापदंड हो सकतें हैं।

 

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