लालू यादव को हाई कोर्ट से झटका, अंतरिम जमानत 3 महीने बढ़ाने की याचिका खारिज, जाना होगा जेल

चारा घोटाले में सजा पा चुके आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को रांची हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उनकी अंतरिम जमानत की अवधि तीन महीने बढ़ाने की याचिका को अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। कोर्ट ने उन्हें इस महीने की 30 तारीख तक सरेंडर करने का वक्त दिया है। बता दें कि लालू को बिगड़ती सेहत के आधार पर ही अंतरिम जमानत मिली थी।

कोर्ट ने 11 मई को उन्हें 6 हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी। उनका मुंबई के इस अस्पताल में इलाज चल रहा है। कुछ वक्त पहले उनके बेटे तेजस्वी ने पिता के साथ फोटो भी शेयर की थी। फोटो शेयर करके तेजस्वी ने बताया था कि उनके पिता का कई बीमारियों की वजह से एशियन हार्ट इंस्टिट्यूट में इलाज चल रहा है। तेजस्वी ने कहा था कि लालू का स्वास्थ्य ठीक नहीं है।

इससे पहले 10 अगस्त को हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद के जमानत के दौरान घर में रहने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि लालू प्रसाद सजायाफ्ता हैं। यदि उनकी तबियत खराब है तो वह अस्पताल में रहें। ठीक हैं तो जेल में रहें। उन्हें घर पर रहकर सुविधाएं लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। लालू की ओर से फिर से जमानत अवधि तीन महीने बढ़ाने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि उनका इलाज चल रहा है।

राजद सुप्रीमो को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने चारा घोटाले में दोषी पाया था। लालू प्रसाद को देवघर, दुमका, और चाईबासा के कोषागार से अवैध धन निकासी के मामले में 14 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। दुमका ट्रेजरी से फर्जी आवंटन पत्र पर के आधार पर 3.13 करोड़ रुपए निकालने का भी आरोप लालू प्रसाद पर सिद्ध हो गया था। इसी कांड में उन्हें सर्वाधिक 14 साल की सजा सुनाई गई है।

लालू प्रसाद ने इन्हीं सारे फैसलों को हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है। लालू प्रसाद के वकील ने कोर्ट से कहा था कि निचली अदालत ने गलत तथ्यों के आधार पर उन्हें सजा दी है, वे निर्दोष हैं। अब इस मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने अपील याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई कर लालू प्रसाद को प्रोविजिनल बेल दी है। ये सुविधा उनकी बीमारियों को ध्यान में रखते हुए दी गई थी। पहले लालू प्रसाद का इलाज रिम्स में हुआ था। लेकिन बाद में उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भेज दिया गया। बाद में उनके आग्रह पर कोर्ट ने उन्हें मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टिट्यूट में इलाज करवाने की अनु​मति दी थी।

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