लाशों का ढेर लगा कर मंत्री से कहा कि अब आप संभाल लो- बाबू बजरंगी ने स्टिंग में बताई थी मार-काट की पूरी कहानी
गुजरात के नरोदा पाटिया इलाके में 2002 में हुए नरसंहार मामले में हाई कोर्ट ने आरोपी बाबू बजरंगी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पहले से जेल में बंद बाबू बजरंगी को अब पूरी जिंदगी सलाखों के भीतर ही काटनी होगी। गुजरात दंगों के बाद जो आरोपी सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहे हैं, उनमें बाबू बजरंगी का नाम प्रमुख है। चार्जशीट के मुताबिक, बाबू बजरंगी ने अल्पसंख्यकों के इलाके में घुसी भीड़ का नेतृत्व किया और उन्हें मार-काट के लिए उकसाया। 2002 में 27 फरवरी को साबरमती एक्सप्रेस में कारसेवकों को जलाए जाने की घटना के अगले दिन 28 फरवरी को हिंदू संगठनों ने बंद का आह्वान किया था। इस दौरान अहमदाबाद के नरोदा पाटिया इलाके में उन्मादी भीड़ ने 97 लोगों की हत्या कर दी थी।
तहलका ने दस वर्ष पहले नरोदा पाटिया नरसंहार के मुख्य आरोपी बाबू बजंरगी का स्टिंग किया था। यू-ट्यूब पर 25 अक्टूबर 2007 का यह वीडियो मौजूद है। इस वीडियो में बाबू बजरंगी को नरोदा पाटिया में दंगे के दौरान मार-काट की घटना के बारे में बताते हुए दिखाया गया है। हालांकि, जनसत्ता डॉटकॉम इस वीडियो की प्रामाणिकता और दावे की पुष्टि नहीं करता।
वीडियो में दिखाया गया है कि बाबू बजरंगी नाम का शख्स कहता है कि ट्रेन जलाने की घटना के बाद उसका खून खौल उठा। इसके बाद कार्यकर्ताओं के साथ इलाके में मार-काट शुरू कर दी। एक शख्स वीडियो बना रहा था, उसे तेल डालकर जला दिया गया। किसी उम्र के व्यक्ति को नहीं छोड़ा गया। लाशों का ढेर लगा दिया गया। फिर रात दो बजे उसने राज्य के गृहमंत्री को फोन कर कहा-…इतने लोग मार डाले गए हैं, बाकी आप संभाल लो। वीडियो में कथित तौर पर मौजूद बाबू बजंरगी एक जगह कहता है कि लोगों को जलाने के लिए कई पेट्रोल पंप से उसे मुफ्त में तेल मिले। जब मार-काट चल रही थी तो तमाम लोग जान बचाने के लिए माथे पर टीका और भारत माता के जयकारे लगाते हुए भागे।
देखिए बाबू बजरंगी का दस साल पुराना तहलका की ओर से किया स्टिंग
बजरंगी का इतिहासः बाबू बजरंगी का मूल नाम बाबूभाई पटेल है। शुरुआत में यह आरोपी बजरंग दल से जुड़ा थे, मगर दो साल बाद विश्व हिंदू परिषद की सदस्यता ली। विहिप में भी मन नहीं लगा तो बाद में शिवसेना से जुड़ गया। 2002 में जब नरोदा पाटिया इलाके में बड़े पैमाने पर नरसंहार हुआ तो बीजेपी सरकार में तत्कालीन मंत्री माया कोडनानी और हिंदू नेता बाबू बजरंगी पर भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप लगा। शुक्रवार (20 अप्रैल,2018) को गुजरात हाईकोर्ट की ओर से दिए फैसले में पूर्व मंत्री माया कोडनानी को बरी कर दिया गया, वहीं जेल में बंद बाबू बजरंगी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इससे पहले कोर्ट ने बाबू बजरंगी को उम्रकैद की सजा दी थी।