लोकसभा चुनाव से पहले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) टूटने की कगार पर
चंडीगढ़/नई दिल्ली: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक तरफ जहां बीजेपी मोर्चेबंदी में जुटी है, विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर कड़ी चुनौती पेश करने की कोशिश में जुटी हैं. हालांकि अब तक के हालात पर नजर डालें तो विपक्षी खेमे में एकजुटता के बजाय तोड़फोड़ जारी है. हाल ही में बीएसपी सुप्रीमो मायावती को प्रधानमंत्री बनाने के लिए विपक्षी पार्टियों को एकजुट होने का आह्वान करने वाली पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में टूट के हालात बनते दिख रहे हैं. इनेलो में टूट की संभावना की खबर बीजेपी को इसलिए राहत दे सकती है क्योंकि यह पार्टी हरियाणा में मुख्य विपक्षी है. इसके अलावा बीजेपी ये संदेश देने की कोशिश करेगी की विपक्षी दल आपस में ही झगड़ रहे हैं.
इनेलो के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला ने चौटाला परिवार में आपसी मनमुटाव की खबरों को तवज्जो न देते हुए कहा कि उनके भतीजे दुष्यंत और दिग्विजय उनके ‘अपने बच्चे’ हैं, लेकिन जोर दिया कि पार्टी के अनुशासन को भंग करने पर कार्रवाई की जाएगी. इस बीच, दिग्विजय ने शुक्रवार को भी बागी तेवर दिखाए. चौटाला परिवार में मनमुटाव गुरुवार को उस समय सामने आ गया जब इनेलो के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला ने पार्टी की छात्र और युवा इकाइयों को भंग कर दिया. इनका नेतृत्व क्रमश: दुष्यंत और दिग्विजय कर रहे थे.
अभय सिंह चौटाला ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे हैं. दुष्यंत और दिग्विजय अभय के बड़े भाई अजय सिंह चौटाला के बेटे हैं. अभय ने कहा, ‘दुष्यंत (और दिग्विजय) के साथ कोई मनमुटाव नहीं है, वे हमारे बच्चे हैं.’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘अनुशासन हमारी पार्टी की सबसे बड़ी ताकत है. अगर कोई भी उसका उल्लंघन करता है तो पार्टी कार्रवाई करेगी.’
अभय ने चंडीगढ़ स्थित अपने घर पर मनमुटाव को लेकर सवालों के जवाब देने के लिए बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि क्या हिसार लोकसभा सीट से इनेलो के सांसद दुष्यंत को पार्टी से निकाल दिया गया है. इस बीच, दिग्विजय ने नयी दिल्ली में दोहराया कि उनके दादा ओम प्रकाश चौटाला उस इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (इनसो) को भंग नहीं कर सकते जिसके वह प्रमुख थे.
दिग्विजय ने कहा, ‘यूं तो इनसो वैचारिक तौर पर इनेलो से संबद्ध है, लेकिन यह सोसाइटी कानून के तहत एक अलग इकाई और एक पंजीकृत संगठन है. सिर्फ इसके संस्थापक – मेरे पिता अजय चौटाला – या इसकी कार्यकारिणी को इसके कामकाज के बारे में फैसला करने का अधिकार है.’
गोहाना में सात अक्टूबर को एक रैली में युवाओं के एक समूह ने कथित रूप से अभय के खिलाफ नारेबाजी की और दुष्यंत के लिए तालियां बजायी थीं. इसके बाद इनेलो की इन दोनों इकाइयों को गुरुवार को भंग कर दिया गया. गोहाना में रैली पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल की 105वीं जयंती के मौके पर आयोजित की गयी थी. अभय ने कहा कि छात्र और युवा इकाइयों से रैली का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था और ‘जब वे ऐसा करने में नाकाम रहे, तब चौटाला साहब ने कदम उठाया.’