लोया केस: सुप्रीम कोर्ट जज को आया गुस्सा, कहा- मछली बाजार मत बनाइए
गुजरात के सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई करने वाले सीबीआई के स्पेशल जज बीएच लोया की संदिग्ध मौत की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान बहस इस कदर तीखी हुई कि जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को झिड़की देकर दोनों पक्षों के वकीलों को शांत करना पड़ा। कोर्ट के सामने वकील दुष्यंत दवे और पल्लव सिसोदिया जोर-शोर से एक दूसरे से उलझ पड़े। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने दोनों वकीलों को फटकार लगाते हुए कहा कि आप लोगों ने भाषा का स्तर मछली बाजार से भी ज्यादा गिरा दिया है। कृपया कोर्ट की गरिमा का तो ख्याल रखें। इसके बाद जाकर मामला शांत हुआ। दरअसल करीब दो घंटे चली सुनवाई में बॉंम्बे लॉयर्स एसोसिएशन की ओर से पेश हुए दुष्यंत दवे ने तेज आवाज में बोलना शुरू किया। अपनी बात रखने के दौरान दवे ने जस्टिस चंद्रचूड़ की भी नहीं सुनी। इससे नाराज जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि, ‘उन्हें अदालत में कम से कम तब तो जज को चुपचाप सुनना चाहिए जब वो कुछ कह रहे हों। आखिर वकीलों को अदालत की गरिमा का ख्याल होना चाहिए।’ इस पर बिफरे हुए दवे ने भी कह दिया कि वो जज को पहले अपनी बात कहेंगे तब जज को सुनेंगे।
इसी दौरान दुष्यंत दवे ने याचिकाकर्ताओं की ओर इशारा करते हुए मामले में राजनीतिक हित साधने की बात भी कही। दवे ने ये भी कहा कि इस मामले में महाराष्ट्र सरकार की पैरवी करने वाले सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और पल्लव सिसोदिया तो अमित शाह के लिए पहले भी पैरवी कर चुके हैं। अब ये शाह को बचाने के लिए ही महाराष्ट्र सरकार के वकील के रूप में पेश हो रहे हैं। बहस इस कदर तीखी हो गई कि पल्लव सिसोदिया को कहना पड़ा कि आपको जहां जाना है जाइये। उन्होंने आखिर में पुछल्ला जड़ा – गो टु हेल व्हेयरएवर यू वांट टू गो।
इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने दोनों वकीलों को फटकार लगाते हुए कहा कि, ‘आप लोगों ने भाषा का स्तर मछली बाजार से भी ज्यादा गिरा दिया है। कृपया कोर्ट की गरिमा का तो ख्याल रखें।’ इसके बाद जाकर मामला शांत हुआ। आने वाले शुक्रवार 9 फरवरी को अगली सुनवाई तक के लिए मामले को टालकर अदालत बर्खास्त हो गई।