वकीलों की पगार पर अनिल बैजल और केजरीवाल सरकार में तकरार के आसार

दिल्ली सरकार में हाल ही में नियुक्त किए गए कुछ वकीलों की तनख्वाह को लेकर राजनिवास और केजरीवाल सरकार के बीच तकरार के आसार हैं। इनकी नियुक्ति उपराज्यपाल अनिल बैजल के आदेश पर हुई है। दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सभी विभागाध्यक्षों को एक आदेश जारी कर कहा है कि बगैर सरकार की अनुमति के वकीलों को भुगतान नहीं किया जाए। दरअसल उपराज्यपाल बैजल के आदेश पर सरकार के सेवा विभाग ने करीब एक महीने पहले कुछ वकीलों की नियुक्ति की थी। दिल्ली सरकार ने वकीलों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर ही अपना एतराज जताया था। सरकार की दलील थी कि जब सरकार ने पहले ही वकीलों का पैनल बना रखा है तो फिर अलग से वकीलों को नियुक्त किए जाने का कोई औचित्य नहीं है, लेकिन सरकार की आपत्ति के बावजूद वकील रखे गए। समझा जा रहा है कि उसी के बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए उपमुख्यमंत्री ने इनको किए जाने वाले भुगतान पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है।

राजनिवास और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में लड़ी जा रही है। पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग के कार्यकाल में शुरू हुई इस लड़ाई के दरम्यान ऐसा मौका भी आया जब उपराज्यपाल का पक्ष रखने के लिए अलग से वकील बुलाए गए क्योंकि राजनिवास ने दिल्ली सरकार के पैनल में मौजूद वकीलों से अपनी पैरवी कराना उचित नहीं समझा। शायद यही वजह है कि उपराज्यपाल बैजल ने भी इसी वजह से वकीलों की नई फौज को सरकार के अलग-अलग विभागों में तैनात किया है।दिलचस्प यह है कि राजनिवास और सरकार के बीच जारी तकरार के चलते उन अधिकारियों की बुरी हालत हो रही है जिनको उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री आदि सबके आदेश का पालन करना है। कानून के अनुसार, उपराज्यपाल के आदेश का पालन उन्हें करना ही है, लेकिन मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री के आदेश का उल्लंघन भी वे नहीं कर सकते। अधिकारियों की मानें तो आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर भी भारी मुसीबत खड़ी होने वाली है।

 

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