वसीम रिजवी ने ओवैसी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को बताया ‘बिना मूंछ का रावण’
नई दिल्ली/अयोध्या/फैजाबाद: राम मंदिर मसले पर अपने समर्थन और बयानबाजियों से सुर्खियों में रहने वाले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने सोमवार (01 अक्टूबर) को अयोध्या पहुंचे और रामलला के दर्शन व हिंदू पक्षकारों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी को ‘बिना मूंछ का रावण’ बता डाला. रिजवी ने कहा कि रामलला दर्शन मार्ग पर रामभक्तों की दशा देखकर दुख होता है। बाबर के पैरोकार राम भक्तों पर ज्यादती कर रहे हैं, पर राम भक्तों का जज्बात देखकर खुशी हो रही है.
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिवजी ने बताया कि उन्होंने राम लाल के दर्शनों के साथ-साथ हिंदू पक्षकारों व साधु-संतों से मुलाकात भी की. यहां मुस्लिम पक्षकारों से मुलाकात का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में रहने वाले जितने भी हिंदू धर्म के अनुयायी हैं, उनमें इंसानियत बाकी है, लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और असदुद्दीन ओवैसी जैसे बिना मूछों के रावण भी हैं, जो भगवान राम से दुश्मनी करने पर आमादा है.
वह जानबूझकर प्रभु राम के मंदिर निर्माण में रोड़ा बने हुए हैं और राम मंदिर का निर्माण नहीं होने दे रहे हैं. यह बड़े ही अफसोस की बात है कि इन लोगों के कारण भगवान राम के मंदिर को अदालत के आदेश का मोहताज होना पड़ रहा है. वसीम रिजवी ने कहा कि राम मंदिर निर्माण मेरा मिशन है, इसलिए भगवान राम मेरे सपने में आए. हमारे जेहन में सिर्फ मंदिर निर्माण की ही बात चल रही है. यही हमारा मिशन है. मंदिर मामले में हम भी एक पक्षकार हैं और हमारा पक्ष मजबूत रहेगा.
आपको बता दें कि हाल ही में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी का कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने के मामले में बोर्ड का दावा वापस लेने के लिए उन पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कट्टरपंथी मुस्लिमों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है. उन्हें का था कि कभी उन्हें धमकाया जा रहा है तो कभी फतवे के जरिए डराकर कदम पीछे हटाने के लिए कहा जा रहा है. रिजवी का यह बयान शिया समुदाय के सर्वाच्च धर्मगुरु इराक के अयातुल्लाह अल सैयद अली अल हुसैनी अल शीस्तानी के उस फतवे के बाद आया था, जिसमें कहा गया कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वक्फ की संपत्ति राम मंदिर या किसी भी प्रकार के धार्मिक स्थल के निर्माण के लिए नहीं दे सकते हैं.