विजय माल्या-नीरव मोदी से सीख लेंगे स्टूडेंट, कोर्स में शामिल हुए कारनामे

‘हीरा कारोबारी’ नीरव मोदी और ‘किंग आॅफ गुड टाइम्स’ विजय माल्या दोनों ही हजारों करोड़ रुपये का घोटाला करने के बाद देश से फरार हो चुके हैं। लेकिन उनके कारनामे अब देश के शीर्ष बिजनेस स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल होने वाले हैं। भारत के सर्वश्रेष्ठ व्यावसायिक स्कूल अपने पाठ्यक्रम में बदलाव करने जा रहे हैं। ये बदलाव उनके व्यापार के सिद्धांत विषय के तहत किए जा रहे हैं ताकि भविष्य के ये व्यापार प्रबंधक ऐसे घोटालों से बच सकें।

भारतीय व्यापार प्रबंधन संस्थान, यानी आईआईएम और एक्सएलआरआई, जमेशदपुर के साथ ही मुंबई के एसपी जैन प्रबंधन और शोध संस्थान अब अपने विद्यार्थियों को ये सिखाने पर जोर दे रहे हैं कि व्यापार में सिद्धातों का महत्व क्या है और कार्पोरेट प्रबंधन और कॉर्पोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी क्या है? पाठ्यक्रम में कई मामलों को अध्ययन के लिए शामिल किया गया है। जैसे उबर विवाद, पीएनबी घोटाला, विजय माल्या मामला और इंफोसिस विवाद इन विषयों में शामिल हैं। इन विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल करने का मकसद व्यापार के व्यवहार में बदलाव लाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाना और नए प्रबंधकों को सजग बनाना शामिल है।

उबर विवाद में कंपनी के ऊपर कई तरह के आरोप लगातार लगाए गए थे और इसी के कारण कंपनी के संस्थापक और सीईओ ट्रैविस कालानिक को बाहर कर दिया गया था। आजाद भारत के इतिहास में 14,000 करोड़ रुपये का पंजाब नेशनल बैंक घोटाला अब तक के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में शामिल है। इस घोटाले में नीरव मोदी और सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक शामिल था।

इन बी स्कूलों के अध्ययन में इंफोसिस के पूर्व सीईओ विशाल सिक्का के कंपनी के संस्थापकों से हुए विवाद के बाद पद छोड़ने और विजय माल्या के द्वारा भारत के कई बैंकों का लोन चुकाए बिना देश छोड़कर निकल जाने के मामले शामिल हैं। आईआईएम बेंगलुरु के दो-वर्षीय एमबीए कोर्स की चेयरपर्सन पदमिनी श्री निवासन ने एक अंग्रेजी समाचार पत्र को दिए अपने इंटरव्यू में कहा,”हमें उम्मीद है कि कई कोर्स जैसे कॉर्पोरेट प्रबंधन और सिद्धांत विद्यार्थियों को प्रभावित करते हैं। ये उनके लिए ज्ञानवर्धक और उनकी दक्षता को अधिक जीवंत और सजग बनाता है। ये हमारे समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करता है।

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