विजय रूपाणी के आरोपों पर कांग्रेस हुई हमलावर
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल से जुड़े एक अस्पताल में कथित रूप से आइएस के आतंकवादी के कर्मचारी होने के आरोपों को लेकर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी द्वारा आरोप लगाने के बाद शनिवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी समेत भाजपा के आला नेताओं ने मोर्चा संभाला। वहीं कांग्रेस भी पलटवार की तैयारी में जुट गई है। अहमद पटेल ने विजय रूपाणी के आरोपों को गलत ठहराते हुए बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि वे उस अस्पताल के निदेशक पद से 2015 में ही इस्तीफा दे चुके हैं। अहमद पटेल अब रूपाणी के खिलाफ अवमानना का आपराधिक मामला दायर करने के विकल्पों पर वकीलों से सलाह कर रहे हैं। वे अगले हफ्ते अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नकवी ने शनिवार को कहा, ‘अब तक कहा करते थे कि कांग्रेस का हाथ भ्रष्टाचार के साथ, लेकिन अब कहा जाएगा, कांग्रेस का हाथ आतंकवाद के साथ।’ नकवी ने इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जवाब देने की मांग की है।
विजय रूपाणी ने शुक्रवार को गांधीनगर में संवाददाता सम्मेलन बुलाकर अंकलेश्वर के अस्पताल में नौकरी कर रहे आइएस के आतंकवादी को लेकर बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि जिस अस्पताल में काम करने वाला आइएस का संदिग्ध आतंकी पकड़ा गया, उसके कर्ता-धर्ता अहमद पटेल हैं। उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। बुधवार को गुजरात एटीएस ने खूंखार आतंकी संगठन आइएस के दो आतंकियों उबेद और कासिम को गिरफ्तार किया था। इसमें से कासिम सरदार पटेल अस्पताल में इको कॉर्डियोग्राम टेक्नीशियन के तौर पर काम करता था और उबेद सूरत की जिला अदालत में वकील था।
दूसरी ओर, रूपाणी के दावे को लेकर कांग्रेस मैदान में उतर आई। अहमद पटेल ने अपने बयान में कहा कि कासिम के जब से नौकरी शुरू करने की बात की जा रही है, उसके एक साल पहले ही 2015 में मैंने निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था। उधर, अस्पताल ने भी बयान जारी कर कहा कि अहमद पटेल या उनके परिवार का कोई सदस्य ट्रस्टी नहीं है। सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल वकीलों के संपर्क में हैं।
कांग्रेस की ओर से बचाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और गुजराज के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी को भी उतारा गया। प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, भाजपा और गुजरात के मुख्यमंत्री अपनी कमियों को छिपाने के लिए इस तरह के निराधार आरोप लगा रहे हैं। पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने अहमद पटेल के इस्तीफे की मांग पर हैरानी जताते हुए कहा कि अहमद पटेल ने 2015 में ही इस्तीफा दे दिया या रिटायर हो गए। अब यदि कोई नौकरी पर आता है और उसका आइएस से जुड़ाव है तो तीन साल पहले के ट्रस्टी को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।