वित्त मंत्री ने कश्मीर पर दिया ऐसा बयान कि सीएम महबूबा मुफ़्ती ने सुना दिया बर्खास्तगी का फरमान
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पार्टी लाइन के विपरीत बयान देने के आरोप में कैबिनेट से वित्तमंत्री को बर्खास्त करने का फैसला किया है। राजभवन को इस बाबत पत्र भेजे जाने की बात कही जा रही है। वित्तमंत्री को पहले नोटिस देकर जवाब-तलब किया गया, फिर उनके खिलाफ यह कार्रवाई हुई है। इस घटना ने जम्मू-कश्मीर के सियासी गलियारे में सरगर्मी बढ़ा दी है। विपक्षी दलों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही। नेशनल कांफ्रेंस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हसीब द्राबू को अपने बयान की कीमत चुकानी पड़ी।
हसीब द्राबू की गिनती सत्ताधारी पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के रसूखदार नेताओं में होती है। ऐसे में एक झटके में इस कार्रवाई को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। दरअसल नई दिल्ली में हसीब द्राबू एक बयान देकर पार्टी की आंख की किरकिरी बन गए थे। उन्होंने कहा था कि कश्मीर की समस्या राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि सामाजिक विषय है। इस बयान पर जम्मू-कश्मीर में घमासान मच गया। पार्टी ने इसे अपनी विचारधारा के विपरीत बयान मानते हुए वित्त मंत्री हसीब द्राबू को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया। उन्होंने जवाब दिया, मगर पार्टी संतुष्ट नहीं हुई।
Party recognizes J&K as a political issue & ever since its emergence has relentlessly been pursuing its resolution through reconciliation & dialogue
Senior leaders should b careful in their statements & observations while commenting on our basic pol philosophy & core agenda:Madni— J&K PDP (@jkpdp) March 11, 2018
आखिरकार में पार्टी विरोधी बयानबाजी और अनुशासनहीनता के आरोप में महबूबा सरकार ने उन्हें अपने राज्य कैबिनेट में वित्तमंत्री पद से हटाने का फैसला किया। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री महबूबा ने हसीब द्राबू की बर्खास्तगी के लिए राज्यपाल एन एन वोहरा को अपना पत्र भेजा है। हालांकि पार्टी ने फिलवक्त इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।पीडीपी के उपाध्यक्ष सरताज मदननी ने कहा कि पार्टी कश्मीर को राजनीतिक मुद्दा मानती है। पार्टी ने शुरुआत से लेकर अब तक कश्मीर समस्या का हल बातचीत के जरिए खोजने की वकालत की है।लिहाजा पार्टी नेताओं का इससे परे जाकर विचार व्यक्त करना अनुशासनहीनता है। कश्मीर पर बोलते समय नेताओं को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए।