विधानसभा में बोले मुख्यमंत्री, दिल्ली बनी पूर्ण राज्य तो ‘आप’ करेगी भाजपा का प्रचार
दिल्ली की वर्तमान संवैधानिक व्यवस्था की तुलना ‘अंग्रेजों के शासनकाल’ और ‘मुगलकाल’ से करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया तो आगामी लोकसभा चुनाव में हर वोट भाजपा के पक्ष में जाएगा और वे खुद भाजपा के पक्ष में प्रचार करेंगे। दिल्ली विधानसभा ने सोमवार को दिल्ली के पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग संबंधी संकल्प को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग संबंधी संकल्प पर विधानसभा में जवाब देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली का पुराने समय से ही दुर्भाग्य रहा है कि यहां राजाओं का राज रहा है, कभी जनता का राज रहा ही नहीं। उन्होंने कहा, ‘1947 में पूरे देश को आजादी मिली, पूरे देश में ब्रिटिश वायसराय को विस्थापित कर जनता का राज हुआ, लेकिन दिल्ली में वायसराय को हटाकर उपराज्यपाल का राज कायम हुआ। उन्होंने अपने जवाब में बार-बार उपराज्यपाल की तुलना मुगलकालीन राजाओं और ब्रिटिश वायसराय से की और पूछा कि दिल्लीवासियों का क्या कसूर है कि बराबर की कुर्बानी और लड़ाई के बावजूद उन्हें आजादी नहीं मिली।’
इतना ही नहीं उन्होंने 1992 में दिल्ली के लिए की गई संवैधानिक व्यवस्था, जिसके बाद राजधानी में विधानसभा का प्रावधान लागू हुआ, को ब्रिटिश शासन की गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 से की। केजरीवाल ने कहा कि जैसे 1935 के एक्ट में कहा गया था कि जनता सरकार चुनेगी, पर शासन वायसराय का होगा, वही ‘भद्दा मजाक’ 1992 में किया गया, जनता सरकार तो चुनेगी, पर शासन उपराज्यपाल करेंगे। दिल्ली के लोगों के वोट की कीमत शून्य है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली जनता को अपनी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जितना शोषण आज केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार का कर रही है, उतना तो अंग्रेजों ने भी नहीं किया था। अंग्रेज शासन यहां करते थे, पैसा विदेश भेजते थे, वही काम केंद्र कर रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र्र सरकार दिल्लीवालों से सलाना 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपए वसूलती है लेकिन उसकी नगण्य रकम (325 करोड़) ही दिल्ली को मिलती है। केजरीवाल ने कहा कि केंद्र अगर इस कर वसूली का 30 फीसद (40 हजार करोड़) भी वापस दे दे तो पांच साल में हर दिल्लीवाले को एक मकान और हर बच्चे को नौकरी मिल जाएगी। मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार की नौकरियों में यहां से पढ़े युवाओं के लिए 85 फीसद आरक्षण की वकालत की, लेकिन कहा यह सब तभी संभव है जब दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलता है।
केजरीवाल ने कहा दिल्ली की मेहनती, बुद्धिजीवी और दूरदृष्टि रखने वाली जनता इस शहर को लंदन, वाशिंगटन और तोक्यो बनाने की क्षमता रखती है, लेकिन दिल्ली के विकास में ‘भाजपा के वायसराय महाराज बैजल’ अड़चन डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वराज जन्मसिद्ध अधिकार है का नारा और अंग्रेजों भारत छोड़ो की तर्ज पर उपराज्यपाल दिल्ली छोड़ो का नारा लगाना होगा। एलजी राज खत्म करना होगा। आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कांग्रेस और भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि ये दोनों पिछले 20-30 सालों से पूर्ण राज्य का समर्थन कर रहे थे, जो उनके चुनावी घोषणापत्रों का मुद्दा था, लेकिन आज ये मुकर रहे हैं, यह दिल्ली की जनता के साथ गद्दारी है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा प्रस्तुत संशोधित संकल्प में कहा गया है कि गृह मंत्रालय दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक के रूप में संसद के दोनों सदनों के समक्ष दिल्ली की जनता की भावनाओं को पेश करे।