विधायकों के कहने के बावजूद लालू यादव से 19 साल पुरानी दोस्ती नहीं तोड़ेंगे राहुल गांधी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने दो दिनों तक बिहार के कांग्रेसी विधायकों के साथ चिंतन-मंथन करने के बाद स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी लालू यादव का साथ नहीं छोड़ेगी। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है कि बिहार कांग्रेस में आने वाले दिनों में बदलाव देखने को मिलेगा। सूत्रों ने बताया कि 27 में से 19 विधायकों ने दो दिनों की मुलाकात में राहुल गांधी को बताया कि बिहार में लालू यादव अब कांग्रेस के लिए बोझ बन गए हैं। इन विधायकों ने पार्टी नेतृत्व को यह समझाने की कोशिश की कि बेनामी संपत्ति मामले में फंसे लालू परिवार अब कांग्रेस के लिए फलदायी नहीं हैं। लिहाजा, उनसे दोस्ती तोड़ने में ही भलाई है लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने उनकी बातों को दरकिनार कर 19 साल पुरानी दोस्ती को बरकरार रखने का फैसला किया है।

माना जा रहा है कि बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी की भी विदाई जल्द होने वाली है क्योंकि पार्टी में आशंकित फूट के लिए कई विधायकों ने सीधे तौर पर उन्हें ही दोषी ठहराया है। इधर, अशोक चौधरी ने कल (07 सितंबर को) एनडीटीवी से बातचीत में इस हालात के लिए केंद्रीय नेताओं खासकर सीपी जोशी को जिम्मेदार ठहराया था। बतौर चौधरी, जोशी नहीं चाहते कि वो प्रदेश अध्यक्ष रहें, इसलिए उन्होंने पार्टी नेतृत्व के मन में उनके खिलाफ हवा भरी है।

बता दें कि राजद और कांग्रेस की दोस्ती दशकों पुरानी है। खासकर सोनिया गांधी से लालू यादव की निकटता 19 साल पुरानी है, जब 1998 में मुलायम सिंह यादव समेत कई नेता सोनिया गांधी के पीएम बनने पर ऐतराज जता रहे थे तब लालू ने अकेले ना केवल सोनिया का विदेशी मूल के मसले पर बचाव किया था बल्कि उन्हें देश की बहू कहकर संबोधित किया था और पीएम पद संभालने को कहा था।

महागठबंधन की सरकार में अशोक चौधरी शिक्षा मंत्री थे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से काफी नजदीक थे। कई मौकों पर उनकी ये नजदीकियां उजागर होती रही हैं। 49 साल के चौधरी पिछले चार साल से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। एनडीटीवी से उन्होंने अपने कार्यकाल को पार्टी के लिए बेहतरीन करार देते हुए कहा था, “मेरे प्रदेश अध्यक्ष के कार्यकाल में पार्टी के विधायकों की संख्या विधानसभा में 4 से बढ़कर 27 तक पहुंची, जबकि विधान परिषद में यह आंकड़ा जीरो था जो बढ़कर 6 हो गया है।”

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