विमान में रोने लगा तीन साल का बच्चा तो ब्रिटिश एयरवेज ने भारतीय नौकरशाह को सपरिवार उतारा
सरकार के एक वरिष्ठ नौकरशाह ने ब्रिटिश एअरवेज पर ‘‘नस्लीय भेदभाव’’ और ‘‘खराब व्यवहार’’ का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि एअरवेज के विमान से उन्हें और उनके परिवार को उतार दिया गया था। नौकरशाह का आरोप है कि पिछले महीने बर्लिन जा रहे विमान के उड़ान भरने से चंद मिनट पहले उन्हें और उनके परिवार को विमान से इसलिए उतार दिया गया कि क्योंकि उनका तीन साल का बेटा रो रहा था। बच्चे की रोने की आवाज जैसे ही क्रू मेंबर ने सुनी तो यात्री के परिवार को प्लेन से नीचे उतार दिया। नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु को तीन अगस्त को लिखे गए एक पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पीछे बैठे एक अन्य भारतीय परिवार को भी विमान से उतार दिया गया क्योंकि उन्होंने बच्चे को शांत कराने के लिए बिस्किट दिया था।
यह घटना 23 जुलाई को हुई थी। अधिकारी ने आरोप लगाया कि चालक दल ने विमान को टार्मेक की तरफ मोड़ लिया जहां सुरक्षार्मियों ने उनके बोर्डिंग पास ले लिए। उन्होंने कहा कि शिकायत दर्ज कराने के बाद भी उन्हें न तो विमान से उतारने का कारण बताया गया न ही प्रबंधन ने उनके खिलाफ कोई कदम उठाया। उन्होंने कहा कि उन्हें रुकने के लिए खुद से इंतजाम करने पड़े और अगले दिन र्बिलन जाने के लिए मोटी रकम चुकानी पड़ी।
नौकरशाह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी है। ब्रिटिश एअरवेज के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम ऐसे आरोपों को बहुत गंभीरता से लेते हैं और किसी तरह का भेदभाव बर्दाश्त नहीं करते। हमने इसकी जांच शुरू कर दी है और ग्राहक के साथ संपर्क में हैं।