विवाहित महिलाएं किस तरह से सिन्दूर लगाकर मिटा सकती हैं पति के साथ बढ़ी दूरियां और ला सकती हैं उन्हें करीब
धर्म में सिंदूर का काफी महत्व होता है। ये महिलाओं के लिए सुहाग की निशानी होती है। हर शादीशुदा महिला सिंदूर को माथे पर लगाती ही हैं। मान्यताओं के अनुसार, सिंदूर नहीं लगाना अशुभ माना गया है। इसे वह अपने पति की खुशी से जोड़ती हैं। कई दफा सिंदूर को माथे पर लगाने के चक्कर में कई बार जल्दबाजी या अनजाने में महिलाएं कई गलतियां कर बैठती हैं। यह उनपर और पति पर गलत असर करता है। सिंदूर लगाना एक विवाहिता की पहचान होता है। ये सिर्फ पौराणिक मान्यताओं से नहीं जुड़ा है बल्कि ये महिलाओं के सम्मान को भी बढ़ाता है। अगर सिंदूर गलत जगह लगा हो तो वो अपशगुन माना जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से लगाया हुआ सिंदूर अशुभ हो सकता है।
मान्यताओं के अनुसार यदि पत्नी के मांग के बीचो-बीच सिंदूर लगा हुआ है, तो उसके पति की अकाल मृत्यु नहीं हो सकती है। माना जाता है कि यह सिंदूर उसके पति को संकट से बचाता है। एक अन्य मानयता के अनुसार जो स्त्री अपने मांग के सिंदूर को बालों में छिपा लेती है, उसका पति समाज में भी छिप जाता है। उसके पति को सम्मान दरकिनार कर देता है। इसलिए यह कहा जाता है कि सिंदूर लंबा और ऐसे लगाएं कि सभी को दिखे। एक और मान्यता के अनुसार जो स्त्री बीच मांग में सिंदूर लगाने की बजाय किनारे की तरफ सिंदूर लगाती है, उसका पति उससे किनारा कर लेता है। इन पति-पत्नी के आपसी रिश्तों में मतभेद ही बना रहता है। शायद इस मान्यता से आप पहले ही परिचित हो चुके होंगे, जिसके अनुसार यदि स्त्री के बीच मांग में सिन्दूर भरा है और सिंदूर भी काफी लंबा लगाती है, तो उसके पति की आयु लंबी होती है।
पौराणिक कथा-
रामायण के काल में जब सुग्रीव का बालि से युद्ध हो रहा था तो सुग्रीव ने बालि से काफी मार खाई और किसी तरह अपनी जान बचाते हुए वह श्रीराम के पास पहुंचा और यह सवाल किया कि उन्होंने बालि को क्यों नहीं मारा। जिस पर श्रीराम ने कहा कि तुम्हारी और बालि की शक्ल एक जैसी है, इसलिए मैं भ्रमित हो गया और वार ना कर सका। किंतु यह पूरी सच्चाई नहीं है। भगवान श्रीराम किसी को पहचान ना सकें, ऐसा नहीं हो सकता, उनकी दृष्टि से कोई नहीं बच सकता।
असली बात तो यह थी कि जब श्रीराम बालि को मारने ही वाले थे तो उनकी नजर अचानक बालि की पत्नी तारा की मांग पर पड़ी, जो कि सिंदूर से भरी हुई थी। इसलिए उन्होंने सिंदूर का सम्मान करते हुए बालि को तब नहीं मारा। किंतु अगली बार जब उन्होंने यह पाया कि बालि की पत्नी स्नान कर रही है, तो मौका पाते ही उन्होंने बालि को मार गिराया। इसी कहानी के आधार पर यह मान्यता बनी हुई है कि जो पत्नी अपनी मांग में सिंदूर भरती है, उसके पति की आयु लंबी होती है।