विहिप कार्याध्यक्ष बोले- इस साल के अंत तक साफ हो जाएगा राम मंदिर निर्माण का रास्ता
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने उम्मीद जतायी है कि इस वर्ष के अंत तक सभी बाधाओं को दूर करते हुए कानून एवं संविधान सम्मत तरीके से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो सकता है। विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष ने ‘‘भाषा’’ से साक्षात्कार में कहा, ‘‘ उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय आयोध्या मामले की सुनवाई रोजाना आधार पर करेगा । अगर ऐसा होता है तब इस मुद्दे पर सितंबर तक फैसला आ सकता है । ऐसा मुझे विश्वास है और यह बात मैं परिस्थितजन्य मूल्यांकन के आधार पर कह रहा हूं । ’’ उन्होंने कहा कि छह जुलाई से राम मंदिर बाबरी मस्जिद मामले की सुनाई शुरू हो जायेगी और हो सकता है कि जुलाई के अंत तक स्थिति कुछ स्पष्ट हो जाए।
आलोक कुमार ने कहा कि अगर किसी कारण से सुनवाई आगे नहीं बढ़ती है तब विश्व हिन्दू परिषद वापस संतों एवं संत समाज के पास जायेगी और उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करके आगे की कार्रवाई करेगी। साल के अंत तक राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बारे में आशान्वित होने का कारण पूछे जाने पर विहिप के कार्याध्यक्ष ने कहा, ‘‘ मैं यह मानता हूं कि कानून के अनुरूप सभी चीजें हमारे पक्ष में है, इसलिये कह रहा हूं कि उच्चतम न्यायालय इस मामले की रोजाना सुनवाई करे। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत तक सभी बाधाओं को दूर करते हुए कानून एवं संविधान सम्मत तरीके से राम मंदिर का निर्माण शुरू हो सकेगा।
अदालत का फैसला राम मंदिर के पक्ष में नहीं आने की स्थिति में विहिप के अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा ‘‘मैंने पहले ही कहा है कि कानून के अनुरूप चीजें पक्ष में हैं और इन सभी विषयों पर संत समाज ही मार्गदर्शन करेगा ।’’ यह पूछे जाने पर कि अगर अदालत में रोजाना सुनवाई नहीं हुई तब उनका अगला कदम क्या होगा, कुमार ने कहा कि आवश्यकता पड़ी तो इस मामले को लेकर सांसदों के पास भी जायेंगे और उनसे कहेंगे कि अदालत तेजी से फैसला नहीं कर रही है, ऐसे में कानून बनाकर निर्णय करें।
उन्होंने कहा, ‘‘ राम मंदिर का निर्माण अब टलने वाला नहीं है। ’’ विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष ने जोर दिया कि राम मंदिर का आंदोलन राजनीतिक या सत्ता के लिये आंदोलन नहीं है। यह हिन्दुओं की आस्था से जुड़ा विषय है और इस पर संत समाज ही निर्णय करेगा। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा हमारे लिये आस्था का विषय है । देश के लिये सबसे अच्छा होगा कि उच्चतम न्यायालय इस मामले की तेजी से सुनवाई करे और निर्णय करे। कुमार ने कहा कि हमने देखा है कि जिन मामलों में उच्चतम न्यायालय को जरूरी लगता है, उन मामलों की आधी रात को भी वह सुनवाई करता है । हम अदालत से उनके कर्तव्य के पालन की अपेक्षा करते हैं। विश्व हिन्दू परिषद के कार्यों के बारे में एक सवाल के जवाब में आलोक कुमार ने कहा कि 1964 में विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना के बाद से ही संगठन समाज कल्याण के कार्यों को आगे बढ़ा रहा है।