वीडियो: मायावती से गठबंधन पर सवाल पूछा तो भड़क गए अखिलेश यादव, मोबाइल छीनकर फेंक दिया

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का एक वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अखिलेश गुस्से में पत्रकार का मोबाइल छीनकर फेंकते हुए दिखाई दे रहे हैं। कुछ सेकेंड्स के इस वीडियो में यूपी के पूर्व सीएम का बेहद ही हैरान कर देने वाला बर्ताव सामने आया है। यह वीडियो कहां का है इस बात की तो कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, लेकिन रिपोर्ट्स है कि पत्रकार ने सपा प्रमुख से मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किए जाने को लेकर सवाल पूछा था।

इस सवाल से अखिलेश इतना भड़क गए कि उन्होंने सुरक्षाकर्मियों और अन्य लोगों की मौजूदगी में ही पत्रकार का मोबाइल उसके हाथों से छीनकर फेंक दिया। इससे पहले अखिलेश यादव ने हिंदी न्यूज़ चैनल आज तक पर दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि बीजेपी से मुकाबला करने के लिए और देश को बचाने के लिए विपक्ष किसी भी हद तक जा सकता है।

दरअसल, यूपी के गोरखपुर और फूलपुर में 11 मार्च को लोकसभा उपचुनाव होने जा रहे हैं। इन चुनावों में मायावती की पार्टी अखिलेश की पार्टी को समर्थन दे रही है। हालांकि मायवती ने यह साफ कर दिया है कि वह इस समर्थन को फिलहाल लोकसभा उपचुनाव तक ही सीमित रखना चाहती हैं। उन्होंने कहा, ‘2019 लोकसभा चुनाव से इस गठबंधन का कोई लेना-देना नहीं है। उपचुनाव में भाजपा को रोकने के लिए सपा ने बसपा और बसपा ने सपा को समर्थन देने का फैसला किया है।’ इसके अलावा मायावती ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि बसपा ने कर्नाटक के अलावा किसी अन्य राज्य में किसी भी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं किया है।

गठबंधन को लेकर सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने कहा, “सपा और बसपा के एक होने से गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में सांप्रदायिक ताकतें पराजित होंगी। भाजपा दोनों उपचुनाव हारने जा रही है। फूलपुर चुनाव लोकसभा चुनाव 2019 की दशा और दिशा तय करेगा।” वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव को लेकर हुए इस गठबंधन को सिरे से खारिज किया है। भाजपा के प्रदेश महासचिव विजय बहादुर पाठक ने कहा, “यह एक बेमेल और स्वार्थ में किया गया गठबंधन है। जनता इसको ज्यादा तवज्जो नहीं देगी। भाजपा पॉलिटिक्स ऑफ परफार्मेस की बात करती है, जबकि ये लोग स्वार्थ की बात कर रहे हैं। जनता इनसे जवाब मांग रही है कि आखिर वो भाजपा को वोट क्यों न दें। इसका जवाब इनके पास नहीं है।”

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