वीरभद्र के करीबी कारोबारी को ईडी ने किया गिरफ्तार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और अन्य के खिलाफ करीब सात करोड़ रुपए के धनशोधन मामले की अपनी जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से गिरफ्तार किए गए एक काराबारी को विशेष अदालत ने एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
विशेष जज संतोष स्रेही मान ने तारिणी ग्रुप ऑफ कंपनीज के निदेशक/प्रमोटर वाकमुल्ला चंद्रशेखर को न्यायिक हिरासत में तब भेजा जब उन्हें ईडी के विशेष लोक अभियोजक एनएम मट्टा के जरिए अदालत के समक्ष पेश किया गया।

चंद्रशेखर को गुरुवार देर रात गिरफ्तार किया गया था। केंद्रीय जांच एजंसी ने चंद्रशेखर को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया। ईडी ने उनके लिए सात दिन की हिरासत मांगी थी। ईडी की रिमांड अर्जी का आरोपी ने विरोध किया और गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने के एजंसी के अधिकार पर सवाल उठाए।

जज ने कहा, अपनी-अपनी दलीलों के समर्थन में दोनों पक्षों द्वारा फैसलों का हवाला दिया जा रहा है और मुझे उन पर फैसलों के अध्ययन के लिए वक्त चाहिए। ईडी की अर्जी लंबित रहने तक आरोपी को 17 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है। ईडी ने कहा था कि चंद्रशेखर ने अपने तीन निजी बैंक खातों के जरिए सिंह और उनके परिजन को 5.9 करोड़ रुपए की रकम मुहैया कराई थी। जांच एजंसी ने कहा कि जब धन के स्रोत का पता लगाया गया तो यह बात सामने आई कि कई कंपनियों के जरिए यह धनराशि प्राप्त हुई।

इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की एक विशेष अदालत ने सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और तीन अन्य को धनशोधन मामले में आरोपी के तौर पर तलब किया था। ईडी के आरोप-पत्र का संज्ञान लेते हुए उन्हें समन किया गया था। उन्हें 22 मार्च को अदालत के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए गए हैं।

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