वीरेंद्र कुमार: गौशाला चलाने वाले, पुराने ‘बजरंगी’ और एमपी में भाजपा का दलित चेहरा हैं

वीरेन्द्र कुमार मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ से लोक सभा सांसद हैं और श्रम पर संसद की स्थाई समिति के अध्यक्ष हैं। संसद सदस्य रहते उन्हें श्रम एवं कल्याण संसदीय समिति ,अनुसूचित जाति एवं जन जाति कल्याण ,पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस संसदीय समिति का सदस्य नियुक्त किया गया। छह बार लोक सभा सदस्य रहे वीरेन्द्र कुमार ने 1970 में जेपी आंदोलन में बेहद सक्रिय भूमिका निभाई थी। आपातकाल में मीसा के तहत वह 16 माह जेल में रहे। छात्रों के समक्ष पेश आने वाली समस्याओं को हल करने के लिए उन्होंने अभियान चलाया  और उनकी सहायता के लिए एक लाइब्रेरी भी खोली।

अर्थशास्त्र में एमए और फिर बाल श्रम पर एमफिल करने वाले वीरेन्द्र अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं और उन्होंने इस समुदाय के उत्थान में अपना पूरा ध्यान लगाया है। वह युवाओं को जाति और श्रेणी की बेड़ियों तोड़ने जैसे सामाजिक कार्यों में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करने के अलावा अनाथालय खोलने, दिव्यांगों के लिए स्कूल और वृद्धाश्रमों के निर्माण जैसे लोकसेवा के कार्यों में शामिल रहते हैं। 27 फरवरी  1954 में मध्यप्रदेश के सागर में जन्मे वीरेन्द्र कुमार के परिवार में पत्नी , तीन बेटियां और एक बेटा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *