वीरेंद्र सहवाग नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट इतिहास में इस खिलाड़ी ने जड़ा था पहला तिहरा शतक
11 मार्च 1915 को सांगली (महाराष्ट्र) में जन्मे विजय सैमुएल हजारे आजादी के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के पहले कप्तान रहे। अपने नेतृत्व में टीम इंडिया को अंग्रेजों के खिलाफ पहली जीत दिलाने वाले हजारे ने भारत के लिए 14 टेस्ट मैचों में कप्तानी की थी। भले ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वीरेंद्र सहवाग ने भारत की ओर से पहला तिहरा शतक जड़ा हो लेकिन भारतीय क्रिकेट इतिहास में प्रथम श्रेणी में पहली ट्रिपल सेंचुरी लगाने वाले क्रिकेटर थे विजय हजारे।
विजय हजारे ने 21 जनवरी 1940 को पूना क्लब ग्राउंड पर महाराष्ट्र की ओर से खेलते हुए बड़ौदा के खिलाफ तिहरा शतक लगाया था। इस दौरान उन्होंने नाबाद 316 रन की पारी खेली। वहीं वीरेंद्र सहवाग ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मुल्तान
विजय हजारे लगातार तीन टेस्ट मैचों में सेंचुरी जड़ने वाले पहले भारतीय थे। क्रिकेट इतिहास के इतना ही नहीं वह प्रथम श्रेणी में 50 शतक जड़ने वाले पहले भारतीय भी थे। उन्होंने फर्स्ट क्लास में 1947 के रणजी फाइनल में गुल मोहम्मद के साथ 577 रन की साझेदारी की थी। टेस्ट मैच में पहले 1000 रन बनाने वाले हजारे पद्म श्री पुरस्कार से नवाजे जाने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर हैं। सन् 1943 में हजारे अपने करियर के शिखर पर थे। उसी साल उन्होंने 264, 81, 97, 248, 59, 309, 101 और 223 जैसे विशाल रनों की पारी खेली।
इस दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 30 टेस्ट मैचों की 52 पारियों में 6 बार नाबाद रहते हुए 7 शतक और 9 अर्धशतक की मदद से 2192 रन बनाए थे। इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर 164 (नाबाद) रहा। वहीं 238 प्रथम श्रेणी मैचों की 367 पारियों में विजय हजारे ने 46 बार नॉट आउट रहते हुए 18740 रन बनाए थे। इस दौरान उन्होंने 60 शतक और 73 अर्धशतक जड़े। विजय हजारे जितने अच्छे बल्लेबाज थे उतने ही शानदार गेंदबाज भी। उन्होंने टेस्ट में 30, जबकि फर्स्ट क्लास मैचों में 595 शिकार किए थे। उनकी मृत्यु 18 दिसंबर 2004 को बड़ौदा में हुई। इनके नाम से आज विजय हजारे ट्रॉफी खेली जाती है।