शराब पर प्रतिबंध धर्मनिरपेक्षता का सबसे बड़ा उदाहरण: नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को यहां कहा कि शराब पर प्रतिबंध लगाना धर्मनिरपेक्षता का सबसे बड़ा उदाहरण है और उन्होंने कांग्रेस व वाम दलों से अपने राज्यों में इस तरह की घोषणा करने का आग्रह किया। तालकटोरा स्टेडियम में जनता दल (यूनाइटेड) की दिल्ली इकाई के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा, “सभी धर्मो -हिंदू, इस्लाम, जैन, सिख व बौद्ध- में शराब पीने को बुरा कहा गया है। चूंकि वे धर्मनिरपेक्षता के बारे में बहुत ज्यादा बातें करते हैं, इसलिए मैं कांग्रेस व वाम दलों से पूछना चाहता हूं कि वे अपने शासित राज्यों में शराब पर प्रतिबंध की बात क्यों नहीं करते। वे इसके खिलाफ अभियान क्यों नहीं चलाते।” नीतीश कुमार जद (यू) के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले पटना में एक सभा के दौरान कुछ महिलाओं द्वारा राज्य में शराब पर प्रतिबंध का आग्रह किए जाने की बात को याद किया। उन्होंने कहा, “मैंने उनसे वादा किया था कि यदि बिहार में मेरी सरकार सत्ता में आती है, तो मैं ऐसा करूंगा।”
उन्होंने कहा कि शराब पर प्रतिबंध लगाने के लिए बहुत साहस की जरूरत है, जिसे बिहार में अप्रैल 2016 में किया गया। बिहारी प्रवासियों के राज्य से बाहर रहने की बात पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे भारतीय नागरिक हैं और भारतीय संविधान के अनुसार वे भारत में कहीं भी रह सकते हैं और आजीविका कमा सकते हैं। नीतीश कुमार ने कहा, “दिल्ली में रहने वाले बिहार के लोग एक दिन काम करना बंद कर दें तो शहर में ठहराव आ जाएगा।” जद (यू) नेता ने राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी के आधार को बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “यहां अवसर होने से लाखों बिहार के लोग यहां रहते व कार्य करते हैं।” उन्होंने कहा, “पार्टी नेताओं को दिल्ली की खस्ताहाल कॉलोनियों में रह रहे लोगों की समस्याओं को उठाना चाहिए, जिनमें पानी या बिजली की दिक्कत है।” उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “मैंने दिल्ली के कुछ इलाकों का दौरा किया और वहां की स्थितियां देख कर स्तब्ध हूं। बिहार के गांवों की हालत इनसे बेहतर है।”