शिया वक्फ बोर्ड बोला: 1-2 मुगलों को छोड़ सभी थे अय्याश, मुसलमान ना मानें उन्हें आदर्श
ताजमहल पर चल रहे विवाद के बीच अब शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन का बयान आया है। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन डब्ल्यू. रिजवी ने कहा कि एक-दो मुगलों को छोड़कर सभी अय्याश थे, उन्हें मुसलमान अपना आदर्श ना मानें। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए रिजवी ने कहा, ‘ताजमहल प्यार का प्रतीक हो सकता है, लेकिन पूजा का नहीं। एक-दो को छोड़कर बाकी सभी मुगल अय्याश थे। मुसलमान उन्हें अपना आदर्श ना मानें।’ बता दें, उत्तर प्रदेश के विधायक संगीत सोम ने सोमवार को कहा था कि ताजमहल भारतीय संस्कृति पर ‘धब्बा’ है। साथ ही कहा था कि यह गद्दारों ने बनाया था, इसे इतिहास में दर्ज नहीं होना चाहिए। इसलिए हम लोग इतिहास बदल रहे हैं। इसके बाद संगीत सोम के बयान पर विवाद खड़ा हो गया था।
रिजवी ने साथ ही कहा, ‘राम की मूर्ति का विरोध होना बहुत ही दुखदायी है। यह एक बहुत अच्छा कदम है, अयोध्या हिंदू विरासत का केंद्र है। जब मायावती ने खुद की मूर्ति बनाई थी, तब किसी ने विरोध नहीं किया था। समझ में नहीं आ रहा कि राम की मूर्ति को लेकर इतना विवाद क्यों है?’ बता दें, उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक प्रपोजल भेजा है, जिसमें उन्होंने अयोध्या में प्रस्तावित भगवान राम की 100 मीटर ऊंची मूर्ति के लिए 10 चांदी के तीर भेंट करने की बात कही है। बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा है कि कुछ शिया मुसलमानों ने वक्फ बोर्ड के जरिए चांदी के तीर गिफ्ट करने का सुझाव दिया है।
बता दें, संगीत सोम के बयान के बाद कुछ भाजपा नेताओं ने समर्थन किया, लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उनके बयान से किनारा कर लिया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि यह जरूरी नहीं है कि ताज महल का निर्माण किसने किया और क्यों किया, महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके निर्माण में भारत के मजदूरों ने अपना खून-पसनी बहाया था। इसके अलावा यूपी सीएम ने यह भी कहा कि ताज महल को लेकर बीजेपी विधायक संगीत सोम ने जो टिप्पणी की है वह उनके निजी विचार हैं और राज्य सरकार इसका समर्थन नहीं करती। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार राज्य के ऐतिहासिक धरोहरों के पुनरुद्धार के लिए लगातार काम कर रही है और राज्य के प्रत्येक ऐतिहासिक स्मारक को पर्यटन के योग्य बनाया जा रहा है।