शिवपाल के मोर्चे से अखिलेश पर बढ़ा दबाव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दिनों दबाव में हैं। चाचा शिवपाल सिंह यादव के समाजवादी सेक्यूलर मोर्चे के एलान ने उनकी बेचैनी बढ़ा दी है। यही वजह है कि वे उत्तर प्रदेश में सपा कार्यकर्ताओं खास तौर पर वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं। इतना ही नहीं, महीनों बाद बीते सप्ताह मुलायम सिंह यादव को दो मर्तबा सपा के प्रदेश कार्यालय पहुंचकर लोगों से मुलाकात करने से भी अटकलों ने जोर पकड़ा है। उधर शिवपाल ने प्रदेश में अपने समर्थकों से तैयार रहने को कहा है। समाजवादी पार्टी से विधायक शिवपाल सिंह यादव के समाजवादी सेक्यूलर मोर्चे का गठन करने के बाद से अखिलेश यादव ने पार्टी के संगठनात्मक ढांचे पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कवायद तेज कर दी है।

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मुलायम सिंह यादव के अध्यक्ष रहते खड़ा करने में अहम किरदार अदा करने वाले शिवपाल यादव ने लम्बे समय से पार्टी से असंतुष्ट चल रहे नेताओं को इस मोर्चे में जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत उसी दिन हुई जब शिवपाल यादव ने समाजवादी सेक्यूलर मोर्चे के गठन का ऐलान किया। उसी दिन छह बार के विधायक और टिकट कटने की वजह से बहुजन समाज पार्टी में गए कमाल यूसुफ मलिक ने शिवपाल का दामन थाम लिया। दरअसल वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान कमाल यूसुफ मलिक के स्थान पर डुमरियागंज से टिंकू यादव को टिकट देने से वो आहत थे और उन्होंनें सपा छोड़ कर बसपा की सदस्यता ले ली थी।

शिवपाल के बेहद करीबी एक युवा नेता कहते हैं, सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं, कई प्रदेशों में समाजवादी पार्टी के अधिकांश कार्यकर्ता शिवपाल यादव के संपर्क में हैं। कुछ महीनों में सपा से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सपा सेक्यूलर मोर्चे के साथ आएंगे। उधर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र चौधरी शिवपाल के सेक्यूलर मोर्चे पर कुछ बोलने से बचते नजर आए। उन्होंने इतना जरूर कहा कि अखिलेश यादव, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर वरिष्ठ नेताओं के साथ उनकी कई बैठकें हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि संगठनात्मक स्तर पर भी अखिलेश यादव की बैठकें जारी हैं। मंगलवार से प्रदेश भर में समाजवादी पार्टी विश्वविद्यालय छात्र जागरूकता अभियान शुरू कर रही है। राजेंद्र चौधरी के मुताबिक आगामी लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव पुन: रथ पर सवार होकर चुनाव प्रचार करेंगे।

समाजवादी पार्टी के भीतर मची कलह पर भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक कहते हैं। उनका कहना है, पहले अखिलेश यादव घर के मोर्चे पर तो सफल हो जाएं। उसे दुरुस्त कर लें। उसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी की सरकार के खिलाफ किसी मोर्चे में शामिल हों। विजय बहादुर पाठक कहते हैं, देश ने समाजवादी पार्टी के भीतर की रार को करीब से देखा है। किसी से कुछ छिपा नहीं है। ऐसे में अखिलेश पहले अपनी पार्टी को बचा लें। उसके बाद वो मुकाबला करने का दम्भ भरें।

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