शिवराज सरकार में मंत्री बनाए गए बाबा नर्मदानंद का दावा- मेरे यज्ञ की वजह से सत्ता में लौटी BJP
2018 में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने धर्म का कार्ड खेलते हुए 5 धार्मिक गुरुओं को राज्यमंत्री बनाया है। राज्यमंत्री बनाए गए 5 धर्मगुरुओं में से एक बाबा नर्मदानंद का कहना है कि पिछली बार उनके यज्ञ के कारण ही शिवराज सिंह चौहान की सरकार की सत्ता में वापसी हुई थी। बता दें कि बाबा नर्मदानंद एक बार फिर शिवराज सरकार के सत्ता में वापस लौटने के लिए 108 कुंड यज्ञ कर रहे हैं। गुरुवार को द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बाबा नर्मदानंद ने बताया कि मैने यह पहले किसी को नहीं बताया, लेकिन मैं चाहता हूं कि भाजपा जीते, क्योंकि यह पार्टी मेरी मान्यताओं के बेहद करीब है। 45 वर्षीय बाबा नर्मदानंद राज्यमंत्री बनाए गए सभी धर्मगुरुओं में सबसे युवा हैं।
बाबा नर्मदानंद का दावा है कि उन्होंने गायत्री मंदिर में यज्ञ किया था, उसी वजह से भाजपा सत्ता में आयी थी। नर्मदानंद फिलहाल अपनी चौथी नर्मदा परिक्रमा कर रहे हैं। गुरुवार को उनकी यह नर्मदा परिक्रमा जबलपुर पहुंची। बाबा नर्मदानंद ने अपनी यह यात्रा 26 मार्च को ओमकारेश्वर से शुरु की थी, जो कि 10 अप्रैल को ओमकारेश्वर में ही खत्म होगी। उल्लेखनीय है कि बाबा नर्मदानंद यह परिक्रमा कार से कर रहे हैं। उनका कहना है कि नर्मदा परिक्रमा पूरी करने के बाद ही किसी और काम को हाथ लगाएंगे। नर्मदानंद ने अपनी 2 नर्मदा परिक्रमा पैदल की थी। 2014 में अपनी दूसरी नर्मदा परिक्रमा शुरु करने से पहले नर्मदानंद ने अपनी आँखों की रोशनी वापस आने के लिए भगवान से प्रार्थना की थी।
बता दें कि नर्मदानंद रेलवे रिकॉर्ड के अनुसार, देखने में अक्षम थे। बाबा नर्मदानंद का दावा है कि नर्मदा की नंगे पैर परिक्रमा करने के कारण उनकी आँखों की रोशनी वापस आ गई। नर्मदानंद ने बताया कि उनकी आँखों की रोशनी कमजोर थी और डॉक्टरों ने कहा था कि उनकी आँखों की रोशनी वापस आने की थोड़ी उम्मीद है। रेलवे रिकॉर्ड में दर्ज अपनी देखने की अक्षमता पर बाबा नर्मदानंद ने कहा कि पहले वह रेलवे द्वारा देखने में अक्षम लोगों को दी जाने वाली सुविधा का उपयोग करते थे, लेकिन 2014 के बाद से उन्होंने रेलवे की इस सुविधा का इस्तेमाल नहीं किया है। नर्मदानंद से जब उनकी शिक्षा पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जब भी लोग उनसे मिलते हैं तो उन्हें महापुरुष समझते हैं। सरकार में राज्यमंत्री बनाए जाने के सवाल पर नर्मदानंद ने कहा कि मैने सरकार से कोई पद नहीं मांगा था, बल्कि सरकार ने ही उन्हें राज्यमंत्री बनाया है। नर्मदानंद ने बताया कि बड़े पैमाने पर पेड़ लगाने के लिए उन्हें इस पद की जरुरत थी, ताकि कोई उन पर सवाल ना खड़े कर सके।