शिवसेना का बड़ा हमला- अविश्वास के ही लायक है मोदी राज, चमड़ी उधेड़ने के लिए आया है प्रस्ताव
लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही शुरु हो चुकी है। इससे पहले एनडीए की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। बता दें कि वोटिंग की प्रक्रिया से ठीक पहले शिवसेना ने ऐलान किया है कि वह वोटिंग प्रक्रिया से बाहर रहेगी। शिवसेना ने भाजपा पर विश्वासघात और चुनावों के दौरान अकूत धन और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया है। अपने मुखपत्र सामना में लिखे एक लेख में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि “सवाल कश्मीर का हो या जनता के अच्छे दिनों का, लोगों को सपने दिखाने का हो या महंगाई का, सभी स्तर पर जनता की पीठ में सिर्फ छुरा घोंपा गया। आज सच बोलना देशद्रोह हो जाता है लेकिन विश्वासघात करना, जनता को छलना शिष्टाचार बन जाता है।”
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर 18 सांसदों वाली शिवसेना ने एनडीए में फूट का भी मुद्दा उठाया। शिवसेना ने कहा कि “सवाल पूछा जा रहा है कि क्या अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्षी एकता दिखेगी? लेकिन यही सवाल एनडीए के कुछ साथियों से भी पूछा जा सकता है। भाजपा का खुद का आंकड़ा बड़ा है लेकिन जिन लोगों ने यह अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है वो तेलगू-देशम पार्टी कल तक एनडीए का हिस्सा थी, फिर वो क्यो छोड़कर गए? अन्य की बात छोड़ भी दी जाए तो जिस शिवसेना ने बुरे समय में भाजपा का साथ दिया, वह शिवसेना भी कागज पर ही एनडीए के साथ है।”
शिवसेना ने कहा कि “भाजपा के पास बहुमत साबित करने के लिए जरुरी आंकड़ा है इसलिए मतदान के बाद सरकार गिर जाएगी, इस बारे में कोई विचार नहीं कर रहा है। राजनीति में फौज का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए युद्ध से पहले कई गर्जनाएं करनी पड़ती हैं।” शिवसेना के अनुसार, “विरोधी पार्टियों द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव सरकार गिराने के लिए नहीं बल्कि मोदी सरकार को अभियुक्त के पिंजरे में खड़ा करके उसकी चमड़ी उधेड़ने के लिए है।” बता दें कि आज सुबह तक भी यह साफ नहीं था कि शिवसेना अविश्वास प्रस्ताव के दौरान क्या स्टैंड लेगी। आज वोटिंग से ठीक पहले शिवसेना ने ऐलान किया कि पार्टी वोटिंग की प्रक्रिया से बाहर रहेगी। शिवसेना के इस कदम के बाद एनडीए की एकजुटता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।